पशु विभाग के अधिकारी हुए बेलगाम आलाअधिकारी मौन

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बैकुंठपुर । कोरिया जिले मे बारिष प्रारंभ हो चूकि है, बारिश प्रारंभ होते ही जहां क्षेत्र में मौसमी बीमारियों के साथ पशुओं को भी कई बीमारियां होने का खतरा रहता है। वहीं दूसरी ओर किसानों के लिये खेती किसानी का समय होता है। ऐसी दशा में यदि किसानों के मवेशी बीमार हो जाये तो उनके लिये सबसे बड़ी मुसीबत होती है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के किसानों की दशा सुधारने हेतु पशुधन विकास पर अरबों रूपये वेतन एवं दवाईयों पर खर्च किए जाते है। किन्तु क्षेत्र के किसानों को इसका समुचित लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे बुरा हाल तो कोरिया जिले का है। पूरा विभाग उच्चाधिकारियों की चाटुकारिता में लिप्त है। ऐसी दशा में अच्छे काम करने वाले कर्मचारियों की दुर्दशा बदस्तूर जारी है। उच्चाधिकारियों की चाटुकारिता न करने एवं उनकी फरमाईश पूरी न करने के कारण उन्हें आए दिन इनकी प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है। क्षेत्र के किसानो का कहना है कि पूरे विभाग में गिनती के ही कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो अपने कर्तव्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हैं। ऐसी दशा में यदि उनका भी आपसी खींचतान के चलते स्थानांतरण हो गया तो फिर जिले का भगवान ही मालिक है। वर्तमान समय में तो हालात और भी बद्तर हो गये है। बरसात में खेती किसानी के बोझ तले दबे किसान जब अपने बीमार पशुओं के ईलाज हेतु क्षेत्र में स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचते है तो वहां कुछ चाटुकर चिकित्सक कुर्सी तोड़ते नजर आते हैं। जो पशु मालिक के बोलने के पहले ही रटा रटाया जवाब देते है कि अभी दूसरे कार्य में व्यस्त हैं यहां कोई नहीं है। अपनी व्यवस्था देख लो। जिसके बाद किसान अपनी बीमार मवेशी को लेकर वापस चला जाता है। अभी ताजे मामले मे मनेन्द्रगढ़ के खोंगापानी निवाशी एक किसान नें जब पशु विभागिय अधिकारी को उनके इस 9424258003 नम्बर मे सम्पर्क किया गया तो उधर से जवाब आता है आप दुसरे किसी डाक्टर से सम्पर्क करे मै अभी व्यस्त हुं। किसान द्वारा दुसरे डाक्टर का नम्बर मांगनें पर डाक्टर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए फोन काट दिया। इस तरह हो गई है जिले मे पशु विभाग की स्थति जिस ओर जिले के कोई आलाअधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हे।

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