दिल्ली पहुंचे अन्ना हजारे, रामलीला मैदान में डालेंगे डेरा, किसानों के लिए करेंगे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

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नई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान से देश भर में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले अन्ना हजारे एक बार फिर इस जगह पर डेरा डालने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार वह देश के किसानों के मुद्दों को लेकर सत्याग्रह और अनशन करेंगे। अन्ना का यह अनशन शुक्रवार से शुरू होगा। इसे लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। अन्ना हजारे बुधवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। वह रामलीला मैदान में एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।

अन्ना हजारे यह साफ कर चुके हैं कि उनके इस आंदोलन के मंच से राजनीतिक दलों को दूर ही रखा जाएगा। माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास जैसे कुछ पुराने सहयोगी उनके इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए रामलीला मैदान पहुंच सकते हैं। इस आंदोलन की समन्वय समिति के सदस्य और मीडिया प्रमुख जयकांत मिश्रा ने बताया कि अन्ना शुक्रवार सुबह 9 बजे महाराष्ट्र सदन से राजघाट पहुंचेंगे और बापू को श्रद्धांजलि देंगे।

इसके बाद वह फिरोजशाह कोटला से सटे शहीदी पार्क जाएंगे और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कुछ देर वहां बैठेंगे। इसके बाद वह किसानों के साथ शहीदी पार्क से रामलीला मैदान तक मार्च करते हुए जाएंगे। दोपहर 12 बजे के करीब रामलीला मैदान पहुंचकर आंदोलन शुरू करेंगे। मिश्रा ने बताया कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए देशभर के किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। गुरुवार की शाम तक ज्यादातर लोग रामलीला मैदान पहुंच जाएंगे।

इस आंदोलन को लेकर पुलिस भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रही है। डिस्ट्रिक्ट पुलिस और लोकल पुलिस के अलावा 6 कंपनी अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है। इसके अलावा ग्राउंड के अंदर बाहर 32 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। सारे एंट्री गेटों पर डोर फ्रेम्ड मेटल डिटेक्टर और हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर से चेकिंग की जाएगी। इसके अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए पूरे इलाके में ट्रैफिक पुलिस को भी तैनात किया जा रहा है।

आयोजकों ने 23 मार्च से ग्राउंड बुक किया है, लेकिन अनशन कब तक चलेगा, यह अभी पुलिस को पता नहीं है। रामलीला मैदान में ही 28 मार्च को सीलिंग के विरोध में दिल्ली के व्यापारी भी महारैली करने जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पक्के मंच से लेकर ग्राउंड के आधे हिस्से में अन्ना का आंदोलन चलेगा, जबकि बाकी के आधे हिस्से में व्यापारियों की रैली होगी।

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