संविधान नही,”सम-विधान” सर्वोपरि : स्वामी रामदास

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छिंदवाड़ा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून बनाना लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित कार्यक्रम चिकित्सा सम्मान समाहरोह के दौरान मीडिया के सवाल के जवाब में छिंदवाड़ा के माटी के लाल,स्वामी अजय रामदास ने बड़ी मांग की है।

समान नागरिक संहिता को लेकर मुख्यमंत्री धामी द्वारा गठित समिति ने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जल्द ही इस ड्राफ्ट को समिति की अध्यक्षा उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई मुख्यमंत्री धामी को सौंपेगी उसके बाद सरकार के द्वारा प्रक्रिया पूरीकर उत्तराखंड में इस कानून को लागू किया जाएगा।

इसी बीच संत समाज के पूज्य अजय भैय्या जी पीठाधीश्वर रामतीर्थ मिशन ,रामटेक नागपुर, की ओर से मीडिया के सवाल संत समाज की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर ,बयान जारी करते हुए इस कानून की पहल करने के लिए मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया साथ ही पीठाधीश्वर ने धाकड़ धामी से मांग करते हुए कहा जिस तरह से यूसीसी बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है उसी तरह से मुख्यमंत्री धामी को उत्तराखंड राज्य को पहला हिंदू राज्य बनाने की पहल करनी चाहिए …इसके साथ ही पीठाधीश्वर ने कहा उत्तराखंड देवभूमि है यहां पर चारधाम है इसलिए जैसे मक्का मदीना में मुस्लिम धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्मों का जाना वर्जित है ठीक उसी तरह से हरिद्वार से ऊपर पवित्र धामों में अन्य धर्मों का जाना प्रतिबंधित किया जाए इसपर भी मुख्यमंत्री धामी को दरियादिली दिखाते हुए निर्णय लेना चाहिए।

उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि देश सविंधान से नही “सम..विधान” से चलना चाहिए। उनका मानना है की अगर हमारे चारों धामों में सभी के आधार कार्ड देखकर प्रवेश दिया जाए। गौरतलब है की स्वामी अजय रामदास का जन्म स्थान छिंदवाड़ा है।

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