एस ई सी एल के अधिकारियों पर दवाब बनने अब ले रहे फरेब का सहारा, जी एम सोहागपुर की छवि धूमिल करने का असफल प्रयास

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टेक्निकल इंस्पेक्टर को मोहरा बना कर जी एम को घेरने के लिए फर्जी पत्रकारिता का सहारा

पैसों की ख़ातिर दलदल में भी उतरने को तैयार फर्जी

*पीत पत्रकारिता में उलझा एक तबका, अधिकारियों को परेशान करने की चली मुहिम में झूठ का सहारा और साज़िश में उलझाए रखने बना सडयंत्र *

ईंटो : बीते दिनों चचाई थाना द्वारा एक ट्रक कोयला पकड़ा गया यह सही है कोयला खैरहा यूजी माइंड से लोड होकर अपने गंतव्य की ओर जा रहा था कागजात पूरे व डीओ होल्डर द्वारा दी गई समस्त जानकारी सभी मापदंडों के अनुरूप थी तो स्वभाविक सी बात है, एसईसीएल प्रबंधन सही कागजों की जांच उपरांत ट्रक को कोयला उपलब्ध कराता है अब सवाल यह उठता है कि एक नंबर और दो नंबर का खेल कहां से चल रहा है जानकार सूत्र बताते हैं कि इसमें मोटर मालिक और ड्राइवर का खेल होता है पहले तो बंद खदानों से और भी विभिन्न स्रोतों से कोयला इक्कठा करवा कर वैध कोयले की पर्ची, और गंतव्य स्थान की अदलाबदली कर इन मोटरमालिक और ड्राइवरो द्वारा जल्द लखपति बनने की नियत से कोयले की गाड़ियों में हेरफेर करते है। जिससे प्रबंधन शक के दायरे में आए और इनकी जल्द लखपति बनने की ख्वाहिश पूरी हो सके।सूत्रों की माने तो खैरहा माइंस के अधिकारियों को बदनाम करने के लिए व जी एम सोहागपुर की साफ सुथरी छवि को धूमिल करने कुछ लोग सडयंत्र का सहारा ले रहे।आपको बता दे कि जब से सोहागपुर छेत्र में जी एम ने जब से कार्यभार सम्हाल है तब से लेकर अब तक उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ सोहागपुर का नाम मुख्यालय तक मे गूँजता है, यही बात कुछ लोगो को हजम नही हो रही, और मनगढ़ंत स्टोरी बनाकर एक ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे इन बड़े अधिकारियों से पैसा वसूला जा सके सूत्र बताते हैं कि कुछ इसी मकसद से कुछ खबरों का प्रकाशन करवा कर साफ सुथरी छवि वाले अधिकारियों पर दबाव बनाना चाह रहे हैं

पुलिस को गुमराह करने और एस ई सी एल के अधिकारियों से रकम ऐंठने का यह कोई नया मामला नही है पूर्व में भी इस तर्ज पर एस ई सी एल के अधिकारियों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जा चुका है यह किसी से छुपा नही है।

शहडोल,धनपुरी पत्रकारिता के नाम पर अपनी फ़र्ज़ी दुकान चलाने के उद्देश्य से सोहगपुर क्षेत्र के महाप्रबन्धक और अन्य अधिकारियों को बदनाम करने की साज़िश रच हैं । यहाँ यह ग़ौरतलब है कि सोहगपुर क्षेत्र के महाप्रबन्धक ना केवल कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी है बल्कि अपने सहज स्वभाव और सामाजिक कार्यों के चलते क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। ऐसे अधिकारी के ख़िलाफ़ इस तरह की टिप्पणी ना केवल शर्मनाक है बल्कि निष्पक्ष पत्रकारिता पर भी सवाल खड़े करती है। लोगों को अपनी फ़र्ज़ी दुकान चलाने के नाम पर यह नहीं भूलना चाहिए कि एसईसीएल इस क्षेत्र के लिए जीवन दायिनी है अगर यहाँ कोयला खदानों और अच्छे अधिकारियों का अस्तित्व नहीं रहेगा तो क्षेत्र में ना तो रोजगार रहेगा और नहीं क्षेत्र का विकास होगा। प्रशासन को भी इस मामले को गम्भीरता से लेते पीत पत्रकारिता करने वाले फजी लोगों पर कार्यवाही करना चाहिये।जिससे साफ सुथरी छवि वाले लोगो को इन लोगो की वजह से जलातल न झेलनी पड़े

क्या है पूरा मामला

ईसीएल सोहागपुर एरिया के खैरहा भूमिगत खदान से एक ट्रक रोड सेल से कोयला लेकर बाहर निकला और अनूपपुर जिले के चचाई थाने की पुलिस ने उस कोयले से भरी गाड़ी को रोक लिया जब पूरी जांच की गई उक्त गाड़ी में भरा कोयला चोरी का पाया गया विगत 4 दिनों से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है और जिसे लेकर कई प्रकार के सवाल भी उठ रहे हैं जहां इस पर सबसे अधिक प्रबंधन पर सवाल उठाया जा रहा है तो वही यह मामला प्रबंधन से जुड़ा हुआ दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है यही कारण है कि ट्रांसपोर्टर की एक गलती के कारण यह पूरा मामला आज इतना बड़ा बनकर सामने आया है इस पूरे घटना के संबंध में जब हमने पड़ताल की तो इसमें जो कुछ सामने आया उसमें यही लगा कि नियम के अनुसार खदान के अंदर गाड़ी जाती है और सभी का ज्ञात सही होने के बाद कोयला लोड कर कर वह बाहर निकलती है इसके बाद जब यह गाड़ी चचाई थाने में पकड़ी जाती है तब इसमें यह बात सामने निकल कर आती है कि जिस गाड़ी पर कोयला लोड किया गया था असल में उस गाड़ी को जब चचाई पुलिस ने पकड़ा चोर उस गाड़ी का नंबर फर्जी निकला जिसके बाद उसे जप्त किया गया और अब उसकी जांच की जा रही है कुछ समय पहले भी एक ऐसा ही मामला धनपुरी ओपन कास्ट में आया था जिसके बाद प्रबंधन ने इस मामले में सख्त कार्यवाही करते हुए 3 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था जिसके बाद से ही कोयला खदानों में सभी नियमों को देखने के बाद ही गाड़ी को अंदर किया जाता है और इसका असर भी यहां पर देखने को मिला दरअसल जब यह ट्रक सीजी एपी ०395 कोयला लेने के लिए खा रहा यूनिमाइंसज पहुंची तो यहां पर सर्वप्रथम कागजात की पूरी जांच पड़ताल की गई जिसमें यह पाया गया कि गाड़ी की उसकी लोडिंग पर्ची सही थी गाड़ी का कागज जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस इंश्योरेंस सहित अन्य नियम पूरे थे और उसके बाद वह सभी जांच होने के बाद बूम बैरियर गई जहां पर सभी नियमों को पूरा करने के बाद उसका वजन खाली गाड़ी का किया गया और इसके बाद उसे लोडिंग के लिए भेजा गया गाड़ी लोडिंग होने के बाद भी फिर से उसकी फिर से जांच की गई तब गाड़ी बाहर निकली।
यहां पर सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गाड़ी लोडिंग को लेकर जो डियो पर्ची थी वह बिल्कुल सही थी और इसे देखने के बाद उसकी इनवाइट काटी गई और उसी के आधार पर टीपी भी जारी किया गया टीपी कटने के बाद गाड़ी बूम बैरियर गई और वहां से आउट होने के बाद आर एस आई कार्ड जमा किया गया और सुरक्षाकर्मी ने फिर से पूरी जांच पड़ताल की रोड सेल में सबसे महत्वपूर्ण डीओ पर्ची होती है पर्ची के साथ उक्त वाहन का नंबर मौजूद होता है जिसे देखने के बाद ही और सभी कागज पूर्ति हो जाने के बाद उसे अंदर आने दिया जाता है पूरे नियमों का पालन कराने के बाद कोयला लोडिंग कराई जाती है और उसे बाहर भेजा जाता है इस बात से साफ है कि प्रबंधन की तरफ से सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया और अब इस पर जिस तरह से सवाल उठाए जा रहे हैं उस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
पूरे घटनाक्रम पर अगर नजर डाली जाए तो जो वाहन कोयला लोडिंग के लिए खदान के अंदर प्रवेश करते हैं उसे कई नियमों से होकर गुजरना पड़ता है प्रबंधन की तरफ से इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है सभी जिम्मेदार बारीकियों पर नजर रखते हैं तब कहीं जाकर गाड़ी लोड होकर बाहर निकलती है यह इतना गंभीर मामला है कि इस पर प्रबंधन जरा सी भी चूक नहीं कर सकता और जरा सी लापरवाही पर कठोर कार्यवाही से भी पीछे नहीं रहती जिसका उदाहरण धनपुरी ओपन कास्ट में देखा जा चुका है लोडिंग को लेकर जो वाहन खदान आया था अगर उस मामले में पूरी तरह से देखा जाए तो यह ट्रांसपोर्टर की एक बड़ी गलती थी और इस मामले में प्रबंधन पर सवाल उठाना कहीं से उचित भी नजर नहीं आता है क्योंकि प्रबंधन अपने नियमों के अनुसार ही कोयले की लोडिंग करा कर गाड़ी को बाहर भेजता है और इस मामले में भी गाड़ी का नंबर और जो कागजात डीओ पर्ची में थे वह सब कुछ सही पाया गया और मामले को प्रबंधन से जोड़कर सवाल उठाना इस पूरे मामले की हकीकत जानने के बाद कहीं से उचित भी नजर नहीं आ रहा है वैसे भी प्रबंधन ने बात सामने आने के बाद तत्काल इस पर जांच शुरू कर दी थी और पूरी जांच होने के बाद कहीं पर भी प्रबंधन से जुड़ा हुआ यह मामला सामने नहीं आया।
एसईसीएल सुहागपुर एरिया के महाप्रबंधक वैसे भी इस तरह की घटनाओं पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और जरा सी चूक पर कार्यवाही से भी पीछे नहीं रहते वैसे अब देखना होगा इस मामले में पुलिस की जांच में सामने क्या आता है और इस पूरे घटना को किस तरह से अंजाम दिया गया आने वाले समय में इस सच्चाई से पर्दा उठ जाएगा?

एसईसीएल सोहागपुर एरिया के खैरहा माइंस में कोयला चोरी की बात खुद सवालों के घेरे में


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