सुशासन एवं नीति विष्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में दल ने पुष्पराजगढ़ अंचल की स्वास्थ्य, पोषण, कृषि,आजीविका आदि के संबंध में हितग्राहियों से की चर्चा

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अनूपपुर 16 अगस्त 2021/ मध्यप्रदेश शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग की पंजीकृत संस्था अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) प्रोफेसर श्री सचिन चतुर्वेदी के नेतृत्व में संस्थान के संचालक, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सलाहकारों का समूह दो दिवसीय जिला भ्रमण के अंतर्गत 15 अगस्त को मध्यान्ह पश्चात पवित्र नगरी अमरकंटक के स्थलों का अवलोकन किया गया। सुषासन एवं नीति विष्लेषण संस्थान के दल द्वारा जिले से संबंधित विषयों स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं सम्बद्ध आजीविका, सामुदायिक संस्थान, वित्तीय समावेशन, पलायन, गैर शासकीय संस्थान इत्यादि पर क्षेत्र भ्रमण कर जानकारी ली गई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सरोधन सिंह, एसडीएम पुष्पराजगढ़ श्री अभिषेक चौधरी, एनआरएलएम के जिला प्रबंधक श्री शषांक प्रताप सिंह, जनपद सीईओ श्री डी.के. सोनी, रुरबन मिशन की यंग प्रोफेशनल सुश्री अपूर्वा मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 16 अगस्त को प्रातः 9ः30 बजे दल अमरकंटक से प्रस्थान कर ग्राम लालपुर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जन जातिय विश्वविद्यालय पहुंचकर एमओयू संबंधी बैठक की तत्पश्चात अपरान्ह 12ः05 बजे दल द्वारा राजेंद्रग्राम कोहका पूर्व पहुंचकर कृषकों सीएलएफ सदस्यों से उनके कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। रुरबन मिशन के तहत ग्राम कोहकापूर्व में किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। प्रशिक्षण केन्द्र में उपस्थित स्वसहायता समूहों की महिलाओं तथा कृषकों से सीधे रू-ब-रू हो सुशासन एवं नीति विष्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष श्री चतुर्वेदी ने आजीविका संवर्धन के लिए किए जा रहे उनके कार्यों की जानकारी प्राप्त कर प्रशिक्षण तथा आर्थिक मदद की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर स्वसहायता समूह की चम्पा सिंह, विमला मानिकपुरी, सरस्वती बाई, रामबाई, कमल सिंह आदि ने अपने कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। तत्पष्चात दल जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम ठेही पहुंचकर लेयर पोल्ट्री फॉर्म की गतिविधि पर मेकल वूमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर कंपनी की महिलाओं से चर्चा की। अध्यक्ष संध्या बाई, उपाध्यक्ष आशा बाई ने पोल्ट्री के कार्य से हो रही आर्थिक लाभ तथा जीवन में हुए परिवर्तन के संबंध में बताया। उन्होंने दल को अवगत कराया कि पोल्ट्री को आर्थिक मदद न मिलने से कुछ हितग्राहियों के पोल्ट्री फार्म अधूरे हैं जिन्हें पूरा कर अन्य महिलाओं को भी आर्थिक स्वावलम्बी बनाने पोल्ट्री गतिविधि से जोड़ा जा सकता है। इस अवसर पर दल का विभिन्न स्थानों पर स्वसहायता समूहों की महिलाओं एवं कृषकों द्वारा स्थानीय लोक परम्परा के अनुरूप स्वागत किया गया। 

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