जब पट्टा वैलिड नहीं था तो क्यों भरी जमानत मुचलके पर भी रिहा किया जा सकता था मामला बुढ़ार का, न्यायालय ने जांरी किया पुलिस अधीक्षक को जांच कराने का आदेश

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शहडोल । भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के तहत की जाने वाली प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के दौरान तहसीलदार बुढ़ार द्वारा कानून को ताक में रखकर एक आरोपी को 4 दिवस तक जेल भेजने का आदेश जारी किया गया। वही इससे पहले गिरफ्तारी के बाद बुढ़ार थाना पुलिस ने लगभग 30 घण्टे तक हवालात में बंद रखने के बाद न्ययालय कार्यपालिक दण्डाधिकारी बुढ़ार के समक्ष पेश किया । कानून से परे हटकर 24 घण्टे से अधिक समय तक आरोपी को पुलिस द्वारा हवालात में रखने व तहसीलदार बुढ़ार द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही में जमानत न देकर कानून से परे हटकर चार दिवस तक जेल भेजने के आदेश दिया गया ।इस आशय आरोप लगाते हुए आरोपी के पिता लल्लू बैगा पिता पुन्ना बैगा 55 वर्ष निवासी अतरिया टोला थाना बुढ़ार के द्वारा अधिकवक्ता नीतेश कुमार सिंह के माध्यम से 6 अगस्त को न्यायालय, न्यायायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी बुढ़ार के समक्ष धारा 166, 342 के तहत परिवाद प्रस्तुत किया गया । जिसमे मीनाक्षी बंजारे तहसीलदार बुढ़ार, थाना प्रभारी बुढ़ार समेत दो पुलिसकर्मियों को अभियुक्त के रूप में शामिल किया गया है।

परिवाद में आरोप

प्रस्तुत परिवाद में उल्लेखित करते हुए आरोपित किया गया है कि परिवादी के पुत्र अर्जुन बैगा उर्फ़ अज्जू 25 वर्ष निवासी अतरिया टोला बुढ़ार को थाना पुलिस द्वारा झूठी शिकायत के आधार पर दिनांक 4 अगस्त 2021 को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आरोपी को उस दिन दिनभर व रात्रि में लाकअप में बंद रखा गया ।और फिर अगले दिवस 5 अगस्त 2021 को शाम साढ़े 5 बजे लगभग 30 घण्टे बाद उसके विरुद्ध इस्तगासा क्रमांक 71/1312/2021 मध्य प्रदेश शासन बनाम अर्जुन उर्फ़ अज्जू वगैरह तैयार कर न्यायालय कार्यपालिक मजिस्ट्रेड बुढ़ार के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से परिवादी के पुत्र अर्जुन बैगा की जमानत खारिज करते हुए उसे कानून से परे हटकर शाम साढ़े 6 बजे तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे द्वारा 8 अगस्त तक के लिए परिवादी के पुत्र को जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया । जबकि धारा 151 में इतनी अवधि के लिए जेल भेजा जाना कानून के विरुद्ध है ।
न्यायालय के आदेश का तहसीलदार ने किया उल्लंघन

परिवादी के अधिवक्ता नीतेश कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत परिवाद में न्यायालय को अवगत कराया गया कि तहसीलदार का यह आदेश मानयीय उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रिमिनल अपील क्रमांक 1277 / 14 अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य में दिनांक 02/07/2014 को उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश की मुख्य पीठ जबलपुर द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 8820/ 2021सुमोटो बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में दिनांक 23/04/2021 को पारित आज्ञापक आदेशो का साशय उल्लंघन किया गया है। परिवादी के अधिवक्ता ने न्यायालय को परिवाद के माध्यम से बताया कि अभियुक्तगणों द्वारा किया गया यह कृत्य दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के प्रावधानों से पूर्णतः असंगत है। परिवाद के मॉध्यम से अधिवक्ता द्वारा अभियुक्तगणों को दंडित किए जाने की मांग की है ।

इनका कहना है

इस संबंध में कागज देखने के बाद ही मैं कुछ बता पाऊंगी ।

मीनाक्षी बंजारे

तहसीलदार, बुढ़ार मैंने प्रकरण कायम कर तहसील भेज दिया जमानत या मुचलके में रिहा करना न्यायालय का काम है। राजेश चंद्र मिश्रा थाना प्रभारी बुढ़ार

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