कोविड से जंग हार गए पोस्टमास्टर धर्मेंद्र चतुर्वेदी

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शहडोल।मुख्य डाकघर शहडोल के अधीन आने वाले डाकघर खैरहा के पोस्ट मास्टर धर्मेंद्र चतुर्वेदी उम्र 60 वर्ष का मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमित होने पर उपचार चल रहा था,लेकिन चिकित्सकों के लाख प्रयास के बावजूद भी बुधवार 19 मई को सायं उनका निधन हो गया।ग्राम खैरहा निवासी श्री चतुर्वेदी मई के शुरुआती दिनों में कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे।खैरहा के पोस्ट मास्टर के अलावा उनकी पत्नी,पुत्री व पुत्र भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।लेकिन वे सभी स्वस्थ होकर घर लौट गए परन्तु धर्मेन्द्र चतुर्वेदी को नहीं बचाया जा सका।धरमू महाराज के नाम से क्षेत्र में विख्यात धर्मेंद्र चतुर्वेदी धर्म शास्त्रों के अच्छे जानकार थे तथा जिले व क्षेत्र में होने वाले धार्मिक आयोजनों में उनकी भूमिका मुख्य धर्माचार्यो में हमेशा प्रथम पंक्ति में रहती थी। भागवताचार्य धर्मेंद्र चतुर्वेदी एक जिंदादिल इंसान थे उनका सभी से दोस्ताना संबंध था,सभी से अपनत्व की भावना रखने वाले धरमू महराज की मिलनसारिता, ईमानदारी व सादगी पूर्वक जीने की कला का हर कोई कायल था, ऐसे व्यक्ति के असमय जाने से ना सिर्फ हिन्दू समाज बल्कि धार्मिक क्षेत्र में भी बड़ी क्षति हुई है। धर्माचार्य होने के कारण पोस्टमास्टर धर्मेंद्र चतुर्वेदी के खैरहा,करकटी,छिरहिटी,राजेंद्रनगर,सिंहपुर,जोधपुर,अमलाई,बकहो,बुढार,धनपुरी कोयलांचल क्षेत्र में अनेकों शिष्य है।जो हर गुरु पूर्णिमा को उत्साह पूर्वक अपने गुरुजी का वंदन करते थे।लोकप्रिय धर्माचार्य धर्मेंद्र चतुर्वेदी (धरमू महाराज)अपने पीछे पत्नी श्रीमती विद्या चतुर्वेदी,पुत्री कल्पना,रचना,शैलजा,करुणा,शालिनी,पुत्र शिवेंद्र चतुर्वेदी के साथ भरा पूरे परिवार को रोता विलखता छोड़ गए। कोरोना महामारी ने खैरहा क्षेत्र के लोकप्रिय धर्माचार्य पोस्ट मास्टर धर्मेंद्र चतुर्वेदी को असमय ही छीन लिए जाने से निधन से पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है। सभी ने दिवंगत धरमू महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित कर ईश्वर से प्रार्थना की है कि दुखी परिवार को इस वज्रघात को सहने की शक्ति प्रदान करे।

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