डिजिटल फसल सर्वेक्षण हेतु राजस्व अमले को प्रशिक्षण, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
एग्रीस्टैक परियोजना के अंतर्गत ‘डीसीएस’ ऐप के माध्यम से किया जाएगा रियल टाइम फसल सर्वेक्षणरायपुर, 23 जुलाई 2025/ राज्य शासन की...
एग्रीस्टैक परियोजना के अंतर्गत ‘डीसीएस’ ऐप के माध्यम से किया जाएगा रियल टाइम फसल सर्वेक्षणरायपुर, 23 जुलाई 2025/ राज्य शासन की...
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बालिकाओं को मिला साइबर जागरूकता का सशक्त मंचएमसीबी/23 जुलाई 2025/ जिले में बालिकाओं...
पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के दिए निर्देश प्रदेश में 137 विशेष शिविरों के माध्यम से 7669 दिव्यांगों का स्वास्थ्य...
बच्चों के समुचित विकास के लिए महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग समन्वय के साथ करें कार्य अगली कलेक्टर...
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाईएमसीबी/23 जुलाई 2025/ कलेक्टर डी.राहुल वेंकट के ने निर्देशानुसार जिले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत ग्राम पंचायतों...
एमसीबी/23 जुलाई 2025/ जिले के भरतपुर परियोजना अंतर्गत ग्राम घटई स्थित आँगनबाड़ी केंद्र का संचालन विगत 5 महीनों से सड़क किनारे...
• छगन लाल लोन्हारे,उप संचालक जनसंपर्क रायपुर, 23 जुलाई 2025/ प्रदेश सरकार किसानों के आर्थिक...
रायपुर, 23 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित शोक सभा...
रायपुर, 22 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के वरिष्ठ एवं सम्मानित फोटो जर्नलिस्ट श्री विनय शर्मा...
धनंजय राठौर संयुक्त संचालक जनसंपर्क संचालनालय, रायपुर भारत विविधताओं का देश है। भारत देश में एक नीले आसमान के नीचे कई समृद्ध संस्कृति फल-फूल रही हैं। भारत की अनेकताओं में कुछ त्यौहार ऐसे हैं ,जो सारे देश को एक साथ जोड़ते हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति में त्यौहारों, पर्वो का विशेष महत्व है । इन त्यौहारों के क्रम में पहला त्यौहार हरेली का है । इसलिये कहा गया छत्तीसगढ़ संस्कृति परम्परा का त्यौहार हरेली । हरेली त्यौहार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या में मनाया जाता है । हरेली त्यौहार किसान और सभी छत्तीसगढ़वासियो का त्यौहार है । हरेली मतलब प्रकृति के चारों तरफ हरियाली से है । किसान खेत में जुताई-बोआई, रोपाई, बियासी के कार्य पूर्ण करके इस त्यौहार का मनाता है । हरेली त्योहार की जड़ें छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि विरासत में हैं, जहाँ इसे लंबे समय से कृषि देवताओं के प्रति सम्मान के रूप में मनाया जाता रहा है। मानसून की शुरुआत में मनाया जाने वाला हरेली, बुवाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और लोगों और उनकी ज़मीन के बीच गहरे बंधन को दर्शाता है। पीढ़ियों से चला आ रहा