केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सार्वजनिक परिवहन को लोगों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया
नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक परिवहन को लोगों के अनुकूल, सुरक्षित, सस्ता, सुलभ, लागत प्रभावी और प्रदूषण मुक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बेहतर परिवहन के लिए इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम अभियान को पूरी तरह से डिजिटल तथा प्रभावशाली बनाने पर ज़ोर दिया और साथ ही नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को लागू करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
श्री गडकरी ने कल शाम परिवहन विकास परिषद की 40वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, राज्यों को बसों के संचालन में वैकल्पिक ईंधन को जल्द से जल्द अपनाना चाहिए और सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहनों तथा इथेनॉल मिश्रित ईंधन के उपयोग पर तेजी से जोर देना चाहिए। बैठक में असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, मध्य प्रदेश और मिजोरम सहित कई अन्य राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने अपने परिवहन सचिवों और परिवहन आयुक्तों के साथ भाग लिया।
श्री गडकरी ने राज्यों को उनके यहां सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और कुशल बनाने के अपने प्रयासों में पूर्ण समर्थन तथा सहयोग देने का आश्वासन दिया और लंदन के परिवहन मॉडल का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि, प्रत्येक राज्य को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं पर काम करना चाहिए जैसे कि, वाहनों को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों में स्थानांतरित करने की फेम-II योजना, क्योंकि उनकी लागत निकट भविष्य में बहुत कम हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों द्वारा नवाचार की आवश्यकता और बसों की गुणवत्ता तथा सार्वजनिक परिवहन में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि लोगों को निजी वाहनों के इस्तेमाल करने की बजाए सार्वजनिक परिवहन की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आकर्षित किया जाए।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी के सिंह ने वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, एलएनजी और इथेनॉल आदि को अपनाने पर जोर दिया, जिससे न केवल वाहनों के प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि इससे कीमती विदेशी मुद्रा में भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि, गुड समैरिटन गाइडलाइंस के नियम राज्यों द्वारा तेजी से लागू किए जाएंगे, जिससे लोग दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए तत्परता से आगे आएंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री गिरिधर अरमाने ने कहा कि, कोविड महामारी ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। एसटीयू और परिवहन क्षेत्र बहुत अस्त – व्यस्त हो चुके हैं और अभी भी ठीक होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मंत्रालय ने परिवहन क्षेत्र पर कोविड महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन की स्वच्छता के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, आवश्यक वस्तुओं के लिए ट्रकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में परिवहन संगठनों के साथ समन्वय करना, सभी टोल प्लाजा पर उपयोगकर्ता-शुल्क संग्रह का निलंबन और 31 मार्च 2021 तक परिवहन से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों की वैधता का विस्तार करना।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अमित वरदान ने कहा कि, पिछले एक वर्ष में मंत्रालय ने विभिन्न पहल की हैं। उन्होंने कई नीतियों एवं नियमों के साथ-साथ नई पहल के बारे में जानकारी दी जो अंतिम रूप देने के विभिन्न चरणों में है। राज्यों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे कि, एआईएस 140 के अनुसार निगरानी केंद्र स्थापित करने के लिए प्रायोजित योजना, राज्यों में सार्वजनिक परिवहन के लिए सुलभ भारत अभियान, मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश -2020, स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति, अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण एवं परमिट नियम -2019, सड़क दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस उपचार की योजना और मोटर वाहन क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन नियमों को भी उजागर किया गया तथा अन्य अधिकारियों की सहायता के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन किया गया।
राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने श्री नितिन गडकरी के गतिशील एवं निर्णायक नेतृत्व की प्रशंसा की और सड़क निर्माण, सड़क सुरक्षा तथा सड़क परिवहन क्षेत्र के विकास पर मंत्रालय की पहल की प्रशंसा की। उन सभी ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 और इसके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए श्री गडकरी की सरहाना की।