रिटर्न ऑफ स्कूल डेज की सूटिंग बिलासपुर में शुरू: छालीवुड सुपरस्टार अखिलेश पांडे के अथक प्रयास से मुंबई की टीम ने शुरू किया काम.छत्तीसगढ़ वासियों को मिलेगा मौका
JOGI EXPRESS
बिलासपुर ,छालीवुड सुपरस्टार अखिलेश पांडे ने सपने को सच कर दिखाया मुंबई के धारावाहिक निर्माता अब बिलासपुर में आकर सूट कर रहे हैं धारावाहिक का नाम है रिटर्न ऑफ स्कूल डेज
मुंबई जाकर संघर्ष करते हुए आपने बहुत से कलाकारों को देखा होगा जो सालों मुंबई में संघर्ष करते हैं और अपने लिए एक मुकाम बनाते हैं परंतु छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार अखिलेश पांडे ने अपने जज्बे के दम पर मुंबई के धारावाहिक निर्माताओं को बिलासपुर में बुलाकर धारावाहिक सूट करने के लिए प्रेरित किया और आज वह दिन आ गया जब यह धारावाहिक का शूट बिलासपुर में शुरू हुआ. धारावाहिक रिटर्न ऑफ स्कूल डेज जोकि स्कूल के बच्चों पर आधारित धारावाहिक है इस धारावाहिक का निर्देशन मनीष श्रीवास्तव और राजू हिरानी के द्वारा किया जा रहा है दोनों ही निर्देशक अपने आप में बहुत ही काबिल निर्देशक हैं पहले भी इन्होंने बहुत सारे धारावाहिक को निर्देशित किया है इस बार दर्शकों के लिए एक नया टेस्ट लेकर आ रहे हैं तकनीकी क्षेत्र में उमेश सोलंकी जो कि अपने आप में बहुत ही काबिल तकनीक के जानकार हैं इस धारावाहिक में आपको बहुत से नई प्रतिभाओं को देखने का मौका मिलेगा यह धारावाहिक अपने आप में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इस धारावाहिक में बहुत सी ऐसी चीजें दिखाई जाएंगे जो कि दर्शकों ने पहले कभी नहीं देखा होगा निर्देशकों ने बताया की ऐसा धारावाहिक पहले कभी किसी चैनल पर दिखाया नहीं है उनका प्रयास है दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन हो जब उनसे पूछा गया की उन्होंने बिलासपुर को ही क्यों चुना सूट के लिए तब उन्होंने बताया की यहां के लोगों काम करने का जज्बा है विशेष तौर पर उन्होंने बताया की अखिलेश पांडे जी व कृपाशंकर शर्मा जी ने उन्हें प्रेरित किया कि वह बिलासपुर में आकर सूट करें सूट में आने से पहले उमेश सिंह सोलंकी जी ने बिलासपुर की सारी खूबियों को बताया और धारावाहिक के निर्माताओं को बिलासपुर में आने को विवश कर दिया वह कहते हैं ना हिम्मते मर्दा मददे खुदा इसी मुहावरे को चरितार्थ किया छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार अखिलेश पांडे जैसा कि आप सब जानते हैं कि वह लगातार छत्तीसगढ़ के नाम को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत रहते हैं और अच्छे अच्छे क्रिएटिव काम करते रहते हैं उन्होंने कभी मुंबई जाकर काम करने का नहीं सोचा बल्कि मुंबई वालों को यहां बुला कर काम करवाने का सोचा जिससे कि यहां के कलाकारों को काम मिल सके और छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जा सके