प्रशासन की तानाशाही उजागर, पटवारियों में भारी आक्रोश
JOGI EXPRESS
सूरजपुर,अजय तिवारी जिला प्रशासन द्वारा हाल ही में आनन-फानन तरीके से पटवारियों का नियम विरुद्ध स्थानांतरण शिक्षा सत्र के मध्य में किया गया जिसको लेकर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो रहे है जिससे पुरे नगर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
वहिं अगर सूत्रों की माने तो कुछ लोगों का स्थानांतरण पैसे का लेनदेन एवं कतिपय तहसीलदार द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेकर किया गया है जिसके पीछे एक मुख्य कारण पटवारियों का नायब तहसीलदार से विवाद होना भी है जिन पटवारियों से विवाद हुआ उनको ही दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है।
वहिं जानकारों का तो यह भी कहना है कि स्थानांतरण नीति भू- राजस्व संहिता की नियमावली अनुसार अधीक्षक भू- अभिलेख कार्यालय से प्रस्ताव कलेक्टर महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए जिसका भी पालन नहीं किया गया है।वहिं जिस स्थानांतरण नियम का हवाला दिया गया है उस परिपत्र के स्थानांतरण नियमानुसार वह केवल राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार के लिए है ।साथ ही उनका यह भी कहना है कि चुनाव आयोग रायपुर के आदेशानुसार जो भी अधिकारी कर्मचारी चुनाव कार्य में संलग्न है उनका स्थानांतरण नहीं किया जाए ऐसा स्पष्ट निर्देश है किंतु समस्त नियमों को ताक पर रखकर स्थानांतरण सूची निकालकर एकतरफा प्रभार लिया जा रहा है तथा प्रभार नही देने पर पटवारियों के विरुद्ध एक तरफ से निलंबन की कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गयी है जिसके भय से पटवारियों द्वारा तत्काल स्थानान्तरित हल्के में पदभार ग्रहण किया जा रहा है तथा जिन पटवारियों द्वारा इस आदेश की तामीली नही की जा रही है तो उन पर निलंबन की गाज गिरना तय है।
वहिं दूसरी तरफ जानकारों का यह भी कहना है कि एक ही दिनांक को एक ही कार्यालय से चार पृथक- पृथक स्थानान्तरण आदेश जारी किया गया है जिसमें पृष्ठ क्रमांक 1087 ,1018, 1089 ,1090 दिनांक 15 /11/17 अंकित है जो भी उक्त स्थानांतरण को संदेह के दायरे में लाता है वहिं उक्त स्थानान्तरण आदेश को भू अभिलेख शाखा से डिस्पैच होना बताया गया है जबकि वहिं भू अभिलेख कार्यालय द्वारा इस मामले में स्पष्ट किया गया है उक्त आदेश उस कार्यालय से जारी नहीं है।
वहिं नाम न छापने पर एक पटवारी ने बताया कि उक्त आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर किया गया है जिसमे जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है।