केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने जाना सूखे की स्थिति का हाल, विभिन्न गांव का दौरा कर सूखे की स्थिति से रू-ब-रू हुए, किसानों से चर्चा कर फसल उत्पादन और समस्या की ली जानकारी
JOGI EXPRESS
दुर्ग, जिले में अल्पवर्षा और सूखे की स्थिति में प्रभावित खेती-किसानी के कार्य और उत्पन्न संकट की स्थिति की जानकारी लेने केन्द्रीय दल, कृषि, पीएचई एवं एफसीआई के अधिकारियों ने दुर्ग जिले का भ्रमण किया। केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने यहां पहुंचकर सूखे की स्थिति में प्रभावित फसलों के नुकसान और संकट का आंकलन किया। केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने दुर्ग और धमधा विकासखण्ड के ग्रामों का दौरा कर खेत का मुआयना कर फसल क्षति का आंकलन किया। यह दल ने विकासखण्ड दुर्ग के ग्राम गनियारी, खुरसुल, बोरई, पोटिया एवं धमधा के ग्राम टेमरी व सेवती में फसल क्षति और प्रभावित फसल उत्पादन की जानकारी लिया। इस दौरान केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने किसानों से चर्चा कर उनकी उत्पादन में आई गिरावट और फसल की क्षति के संबंध में चर्चा किया। इस दौरान संभागायुक्त श्री ब्रजेश चंद्र मिश्र, कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आर.के. खुंटे सहित संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, कृषि, सिंचाई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने अल्पवर्षा और सूखे की स्थिति में प्रभावित किसानों से चर्चा कर गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष फसल उत्पादन में आई कमी की जानकारी ली। गांवों में ऐसे प्रभावित किसानों और कुल फसल उत्पादन में कमी की भी जानकारी ली। केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने ग्राम सेवती में चौपाल लगाकर ग्रामवासियों से चर्चा कर उत्पन्न संकट के संबंध में चर्चा किया। उन्होंने गांव में पेयजल, निस्तारी जल और सिंचाई की सुविधा में विस्तार करने के लिए प्रस्तावना तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने किसानों से चर्चा कर कृषि विभाग एवं बैंकों के माध्यम से मिलने वाली सुविधा, सेवा और योजनाओं की जानकारी ग्रामवासियों से लिया। ग्रामवासियों ने मिलने वाली सुविधा की जानकारी दी। ग्रामवासियों ने बताया कि शासन से उन्हें खाद-बीज व निःशुल्क ऋण मिलता है। ग्रामवासियों ने बताया कि वर्षा में कमी के चलते बुरी तरह से फसल क्षति हुई है। कई खेतों में फसल बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। ग्रामवासियों ने बताया कि आने वाला समय में पेयजल और निस्तारी व पेयजल की समस्या से भी जुझना पड़ सकता है। जल स्तर क्षेत्र में काफी नीचे चला गया है। हैण्डपम्प से पानी आने में दिक्कत हो सकती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल ने यह भी जाना कि गर्मी के सीजन में रबी की फसल लेने की स्थिति में नहीं है।
कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल ने जिले में अल्पवर्षा और सूखे की स्थिति में उत्पन्न संकट और स्थिति की विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्र और किसानों की जानकारी से केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल को अवगत कराया। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष फसल उत्पादन में आई कमी और उत्पन्न समस्या से निपटने के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना की जानकारी दी है।