डॉ. हर्षवर्धन ने स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक के साथ डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद किया
नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक डॉ. लुसिया दितियू के साथ डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के समय में भी भारत सरकार के लिए तपेदिक का उन्मूलन एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार त्वरित मोलेक्यूलर जांचों, के जरिये निशुल्क डाग्नोसिस की सुविधा को बढ़ाने, दवा प्रतिरोधन पर जानकारी उपलब्ध कराने और रोगियों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की दवाएं एवं रेजीमेंट्स, वित्तीय एवं पोषण संबंधी सहायता के साथ सभी लोगों के लिए निशुल्क उपचार के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार अधिसूचना एवं अनुपालन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा निजी क्षेत्र की संलिप्तता को सुदृढ़ करने के लिए गैर सरकारी एजेन्सियों के साथ संयोजन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. हर्षवर्धन ने जोर देकर कहा कि हालांकि भारत पिछले आठ महीनों से कोविड महामारी के साथ लड़ रहा है, लेकिन यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी राज्यों में स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ्य कर्मचारी 2025 तक तपेदिक के उन्मूलन के टार्गेट को लगातार याद रखें रहें। उन्होंने कहा कि कोविड से लड़ने के मोर्चे पर हमारे प्रयासों के जरिये, हमने विश्व के सामने यह प्रदर्शित कर दिया है कि भारत अन्य देशों के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है जैसाकि हमने मास्कों एवं पीपीई किट्स के घरेलू विनिर्माण के लिहाज से आत्म निर्भरता अर्जित कर ली है।‘
डॉ. हर्षवर्धन ने डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद के दौरान कहा कि ‘ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में भारत ने 2030 के टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले ही, 2025 तक भारत में तपेदिक को खत्म करने को उच्च प्राथमिकता प्रदान की है और तपेदिक मुक्त विश्व के लिए एक नेता के रूप में आगे की ओर कदम बढ़ाया है। ‘ उन्होंने जोर देकर कहा कि हाल के वर्षों में, भारत ने प्रभावी और महत्वाकांक्षी नीतियों एवं योजनाओं के साथ तपेदिक मुक्त विश्व के लिए खुद को एक नेता के रूप में प्रदर्शित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
डॉ. लुसिया ने तपेदिक से लड़ने में इसके सराहनीय प्रयासों के लिए भारत सरकार की सराहना की और धन्यवाद दिया।