कोरोना महामारी से ठीक होने की दर बढ़कर 62.42 प्रतिशत हो गई
नई दिल्ली : कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के ठीक होने का तेज सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कुल 19,138 मरीज ठीक हुए हैं और इसके साथ ही कोविड-19 से संक्रमित लोगों में से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या आज 4,95,515 हो गई। परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 62.42 प्रतिशत हो गई है। अभी देश में कोरोना संक्रमण के कुल 2,76,882 सक्रिय मामले हैं और सभी का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
कोविड-19 बीमारी से ठीक होने की दर में सुधार राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से केंद्र द्वारा उठाए गए पूर्वगामी, सक्रिय और वर्गीकृत कदमों के संयोजन का परिणाम है। रोगियों की शुरुआती पहचान सुनिश्चित करने वाले आक्रामक तेवर के साथ कराए जा रहे परीक्षण, हल्के / पूर्व रोगसूचक लक्षण वाले रोगियों के लिए घर में आइसोलेशन, मामलों के समय रहते उपचार में सहायक पर्याप्त अस्पताल के बुनियादी ढांचे के माध्यम से गंभीर मामलों के प्रभावी नैदानिक उपचार, देश में अस्पताल के बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार, और केंद्र तथा राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच नियमित और निर्बाध समन्वय के परिणामस्वरूप देश में इस बीमारी से ठीक होने की दर में लगातार वृद्धि हो रही है। आज देश में 1218 समर्पित कोविड अस्पताल, 2705 समर्पित कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 10,301 कोविड देखभाल केंद्र हैं।
पूरे देश में इस बीमारी से ठीक होने की दर में बढ़त का सिलसिला जारी है जिससे राष्ट्रीय औसत से अधिक ठीक होने की दर वाले 18 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश हैं। सूची इस प्रकार है:
राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | ठीक होने की दर | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | ठीक होने की दर |
पश्चिम बंगाल | 64.94 % | मध्य प्रदेश | 74.85 % |
उत्तर प्रदेश | 65.28 % | हरियाणा | 74.91 % |
ओडिशा | 66.13 % | त्रिपुरा | 75.34 % |
मिज़ोरम | 67.51 % | राजस्थान | 75.65 % |
झारखंड | 68.02 % | दिल्ली | 76.81 % |
पंजाब | 69.26 % | चंडीगढ़ | 77.06 % |
बिहार | 70.40 % | छत्तीसगढ़ | 78.99 % |
गुजरात | 70.72 % | उत्तराखंड | 80.85 % |
हिमाचल प्रदेश | 74.21 % | लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश) | 86.73 % |
देश में राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 2.72 प्रतिशत दर्ज की गई है। यह दुनिया के कई अन्य देशों की मृत्यु दर से कम है। कोविड-19 से निपटने की तैयारियों में मृत्यु दर को कम रखने पर ज्यादा ध्यान दिया गया। केंद्र की मदद और दिशा-निर्देश में राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने इस संबंध में बुजुर्गों और सह-रुग्ण जैसे उच्च जोखिम वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समुदायों का पता लगाने (मैपिंग) और उन पर विशेष ध्यान देने जैसे कई कदम उठाए हैं। कोविड रोगियों को चिकित्सकीय सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों के नेटवर्क के साथ आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम ने कोविड मामलों की की प्रभावी निगरानी करने और लाखों प्रवासियों और बाहर से गांव लौटे युवाओं सहित संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आने वालों का पता लगाने में काफी मदद की है। इसका परिणाम यह आया कि 30 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत की तुलना में मृत्यु दर कम है।