अव्यवहारिक जीएसटी टैक्स ने देश को किया परेशान- प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता घनश्याम तिवारी
JOGI EXPRESS
गुजरात की हार से भयभीत सरकार ने जीएसटी टैक्स में किया परिवर्तन
रायपुर/ विश्व में दूसरे सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2017 से मूल स्वभाव के अनुरूप बड़ी-बड़ी बाते कर ‘‘एक देश एक कर’’ का नारा दिया और अव्यवहारिक 28 प्रतिशत टैक्स लगाकर देश की करोड़ों जनता को परेशान किया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा है कि गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में दिख रही हार तथा जनता के आक्रोश से भयभीत होकर मोदी सरकार 178 वस्तुओं पर जीएसटी टैक्स को कम कर प्रलोभन देने का प्रयास कर रहे है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिये, आखिर उनकी नासमझी का भुगतान जनता को कब तक, कितनी बार भुगतना होगा? जीएसटी परिषद की बैठक में एक झटके में 178 वस्तुओं का टैक्स परिवर्तन कर जीएसटी का सरलीकरण होने वाला नहीं है। परिवर्तन के इस निर्णय से स्पष्ट है कि जीएसटी ने जिन वस्तुओं का टैक्स तय किया था उस पर जिम्मेदार लोगों ने जिम्मेदारियों का ठीक तरह से निर्वहन नहीं किया, नियमों में विसंगतियां आज भी कायम है। देश का नागरिक और कारोबार जगत केवल इससे परेशान नहीं था कि विभिन्न वस्तुओं पर टैक्स अधिक है। परेशानी का प्रमुख कारण जीएसटी की झंझट भरी प्रक्रिया रही है, जिस पर सरकार को पुनः विचार करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी देश को अच्छे दिनों का भरोसा दिलाया था, अनेको वायदे कर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, जैसी विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने की बाते कही थी। विदेशों से कालाधन लाकर देश के प्रत्येक भारतीय के खातों में 15-15 लाख जमा कराने का ढिंढोरा पीटा गया, वहीं देश भारत आज आर्थिक तंगहाली से गुजर रहा है, देश का 3 प्रतिशत जीडीपी घट गया है, उद्योग, व्यापार, बाजार, क्रयशक्ति पूरी तरह ठप्प हो चुकी है, बेरोजगारी बढ़ गयी है बावजूद इसके मोदी सरकार सिवाय जुमलेबाजी कर देश को गुमराह करने में लगी है।