प्रल्हाद जोशी ने खनन उन्नति में आत्मनिर्भर भारत के लिए आरएंडडी पोर्टल लॉन्च किया
नई दिल्ली : केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय मामले मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने 15 जून 2020 को खान मंत्रालय की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी योजना प्रोग्राम स्कीम के लिए आत्मनिर्भर भारत के लिए सत्यभामा (खनन उन्नति में आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी योजना) पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल की डिजाइन, विकास एवं कार्यान्वयन माइंस इंफॉर्मेटिक्स डिवीजन के नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा किया गया है। इस अवसर पर खान मंत्रालय के सचिव श्री सुशील कुमार एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय मामले मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने पोर्टल लॉन्च के अवसर पर देश में खनन एवं खनिज अवयव क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर जोर दिया। श्री जोशी ने खनन एवं खनिज अवयव क्षेत्र के वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं से आत्मनिर्भर के लिए नवोन्मेषी अनुसंधान एवं विकास कार्य आरंभ करने की अपील की।
वर्तमान प्रणाली के विपरीत, जहां अनुसंधान प्रस्ताव वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं द्वारा भौतिक रूप से प्रस्तुत किया जाता है, सत्यभामा पोर्टल परियोजनाओं की निगरानी एवं फंडों/अनुदान के उपयोग के साथ साथ परियोजना प्रस्तावों की ऑनलाइन प्रस्तुति में सक्षम बनाता है। शोधकर्ता पोर्टल में इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट एवं अंतिम तकनीकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकते हैं। पोर्टल पर एक यूजर मैनुअल भी उपलब्ध है जहां परियोजना प्रस्तावों की प्रस्तुति के लिए कदमवार प्रक्रियाओं को रेखांकित किया गया है। पोर्टल नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल से समेकित है।
भारत सरकार का खान मंत्रालय अकादमिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय संस्थानों एवं भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से मान्यता प्राप्त आरएंडडी संस्थानों को देश एवं इसके नागरिकों के लाभ के लिए खान मंत्रालय की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रोग्राम स्कीम के तहत अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु फंड उपलब्ध कराता है जिससे कि एप्लायड जियोसाइंसेज, खनिज उत्खनन, खनन एवं संबद्ध क्षेत्रों, खनिज प्रसंस्करण एवं देश के खनिज संसाधनों के ईष्टतम उपयोग एवं संरक्षण में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। पोर्टल स्कीम के कार्यान्वयन में दक्षता और प्रभावशीलता में वृ़द्ध करेगा।
उन प्रमुख संस्थानों, जहां अनुसंधान परियाजनाओं का निधियन किया गया है, में शामिल हैं-भारतीय विज्ञान संस्थान,बंगलुरु;भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़कपुर;आईआईटी-इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद;आईआईटी, रुड़की;आईआईटी, बांबे;आईआईटी,दिल्ली;आईआईटी, भुवनेश्वर;आईआईटी, मद्रास चेन्नई;सीएसआईआर-मिनरल्स एंड मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर;सीएसआईआर-राष्ट्रीय अंतरविषयी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान;आईसीएआर-केंद्रीय शुष्क जोन अनुसंधान संस्थान;सीएसआईआर-भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान;सीएसआईआर-एनएमएल;राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला;जवाहर लाल नेहरू अल्युमिनियम अनुसंधान विकास एवं डिजाइन केंद्र, नागपुर, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ रॉक मेकैनिक्स, बंगलुरु, नॉनफेरस मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर, हैदराबाद आदि।
पोर्टल को research.mines.gov.inपर एक्सेस किया जा सकता है। स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए खान मंत्रालय से met4-mines@gov.in.पर संपर्क किया जा सकता है।