November 22, 2024

तकनीकी अधिकारियों ने सीखा बेहतर कार्यों के लिए तकनीकी आधार का आधुनिक उपयोग

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JOGI EXPRESS

महात्मा गांधी नरेगा के ब्लॉक तकनीकी संसाधन टीम (बीटीआरटी) का पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

बैकुण्ठपुर– महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत बीटीआरटी का पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का समापन जिला पंचायत के आडिटोरियम में प्रशिक्षणार्थियों के उद्बोधन के साथ हुआ। प्रशिक्षण के बाद पांच दिवस तक प्रशिक्षण ले रहे सभी अभियंताओं एवं प्रतिभागियों के सामूहिक तस्वीर भी खींची गई। प्रशिक्षण का यह सत्र सोमवार को प्रारंभ हुआ था। इसके प्रथम चरण में सभी अभियंताओं के अग्रिम मूल्यांकन के लिए सभी विषयों पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के द्वारा एक प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। सक्षम’ प्रशिक्षण के विषयों का परिचय एवं उद्देश्य एवं परिचर्चा पर विस्तार से प्रथम दिवस वयस्कों से सीखने का सिद्धांत या स्थानीय अनुभव से सीखने का सिद्धांत तथा सहभागिता का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद दूसरे सत्र में जल संरक्षण मिशन एवं महात्मा गांधी नरेगा पर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण विषय विशेषज्ञों के द्वारा दिया गया। साथ ही जल ग्रहण की विकास की परिकल्पना, गतिविधियों की योजना बनाना एवं उनके प्रभाव का अध्ययन करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण विषय विशेषज्ञों के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के प्रथम दिवस ही आधारभूत भू-जल के अध्ययन की परिकल्पना जल प्रवाह एवं जल स्त्रोतों का मूल्यांकन करते हुए जल का बजट बनाने के बारे में बताया गया। जल संग्रहण एवं जल संरक्षण एवं भू-जल का कृत्रिम पुर्नभण्डारण की विधियाँ अपनाकर किस प्रकार से कृषि भूमि,बंजर भूमि एवं जल निकास रेखाये चिंहाकित की जाती हैं इसके बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी दी गई।
सक्षम प्रशिक्षण के दूसरे दिवस फलों की खेती, पशुआहार की व्यवस्था की खेती का विकास एंव व्यवस्थापन, जल निकाय रेखाओं एवं संबंधित संरचनाओं का अध्ययन एवं भू समतलीकरण पर समूह द्वारा अध्ययन नर्सरी (पौधाशाला ) विकास की तकनीकी वृक्षारोपण , वानिकी एवं फलोद्यान का विकास से पड़त या असिंचिंत भूमि पर कैसे आजीविका के बेहतर संसाधन बनाए जांए इसपर विषय विशेषज्ञों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया। दूसरे दिन के प्रशिक्षण में आजीविका के अन्य साधन जैसे मत्सय पालन एवं आजिविका विकास, वर्षा जल संग्रहण, जल संरक्षण, भू-जल पुनर्भण्डारण एवं कृतिम भू-जल पुनर्भण्डारण पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त संरचनाओं के लिये स्थल चयन की विधियों का अध्ययन, खेतों का विकास, केसकेडिंग टेंक/कुआ आधारित सिंचाई का व्यवस्थापन पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। आयोजन के तृतीय दिवस कमाण्ड क्षेत्र की संरचनाओं का अध्ययन कैसे करते हुए ज्यादा से ज्यादा विस्तार करने के साथ ही कृषि कमाण्ड क्षेत्र के सिंचाई जल वितरण व्यवस्था एवं सिंचाई की संरचनाओं का अध्ययन करने का तरीका विशेषज्ञों के द्वारा बताया गया। महात्मा गांधी नरेगा के तहत आयोजित हो रहे इस बीटीआरटी प्रशिक्षण के तीसरे दिवस जल संग्रहण , जल संरक्षण एवं कृत्रिम भूजल पुनर्भण्डारण के परिणाम एवं प्रभाव का अध्ययन प्राकृतिक संसाधनों के समेतिक प्रबंधन की योजना, योजना, निर्माण हेतु आवश्यक सांख्यिकी जानकारी का अध्ययन करने के तरीके से सभी को अवगत कराया गया। प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित उपग्रह आधारित जानकारी का अध्ययन एवं उपयोग करने के लिए उपलब्ध भुवन पोर्टल की जानकारी दी गई। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के समेतिक विकास की योजना निर्माण का अध्ययन कैसे किया जाए इसपर भी विषय विशेषज्ञों के द्वारा बताया गया। इसी प्रशिक्षण दिवस ही जियो इंफमेंटिक्स यंत्रों का उपयोग आई.एन.आर. एम. फ्रेमवर्क कार्ययोजना के बारे में तकनीकी अधिकारियों केा अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण के चतुर्थ दिवस 9 नवम्वर को प्रशिक्षुओं द्वारा नर्सरी (पौधाशाला ) विकास की तकनीकी पर चर्चा करते हुए क्षेत्र में वृक्षारोपण के आधुनिक तरीकेां के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहां सभी को वानिकी एवं फलोद्यान का विकास करने के लिए सामूहिक कार्य पर जानकारी प्रदान की गई। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं एकिकृत जल प्रबंधन, जल ग्रहण की विकास की परिकल्पना लेकर गतिविधियों की योजना बनाना एवं उनके प्रभाव का अध्ययन करते हुए आई.एन.आर.एम. प्लान तैयार करने के लिए कम्प्यूटर की क्लास रूम में अभ्यास कराया गया। आई.एन.आर.एम. प्लान तैयार करने के लिए कम्प्यूटर लैब आधारित क्लास रूम का अभ्यास भी आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस पंचम दिवस प्लानिंग के संबंध में प्रशिक्षणार्थियों के समूह द्वारा प्रस्तुतीकरण आयोजित किया गया तथा अपनाई गई विभिन्न प्रक्रियाओं का प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण पश्चात मूल्यांकन आयोजित करते हुए प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभव का प्रस्तुतिकरण अलग अलग सभी प्रशिक्षार्थियों से लिया जाएगा। उन्होने सभी संबधितों को पांचो दिवस अनिवार्यतः यह प्रशिक्षण लेने के निर्देश दिए हैं। प्रशिक्षण सत्र के अंतिम दिवस एपीओ मनरेगा  मो0 आरिफ रजा समन्वयक  राजपति वर्मा आइसीआरजी अभियंता,  राकेष विष्वकर्मा  नूतन कुमार साहू सहित जिले के सभी विभागीय उपअभियंता तथा मनरेगा के तकनीकी सहायक उपस्थित रहे।

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