एम्स का कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, राज्य सरकार अपने नाकारेपन का ठीकरा एम्स पर फोड़ने पर आमादा : भाजपा
‘पर्याप्त समय और संसाधन रहते प्रदेश सरकार ने कोरोना की रोकथाम के समुचित प्रबंध करना ज़रूरी क्यों नहीं समझा?’
तीन ज़गहों पर कोरोना की जाँच व इलाज की व्यवस्था करने के न्यायालयीन आदेश का भी सम्मान नहीं किया : डॉ. सिंह
एम्स के कोरोना वॉरियर्स को आधी रात होटल छोड़ने मज़बूर करने की धृष्टता दिखा चुकी सरकार एम्स पर दबाव बना रही है!
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी के एम्स चिकित्सा संस्थान पर कोरोना मामलों के सैम्पल की जाँच रिपोर्ट के लिए दबाव बनाने और संस्थान की कार्यप्राली पर उंगली उठाए जाने पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोगों को एम्स की कार्यप्रणाली पर किसी प्रकार की प्रतिकूल टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि आज रायपुर एम्स ने कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और प्रदेश सरकार अपने नाकारेपन का ठीकरा अब एम्स पर फोड़ने का शर्मनाक उपक्रम कर रही है। डॉ. सिंह ने पूछा कि अभी तो महज़ हज़ार मामलों के सामने आने पर ही प्रदेश सरकार के हाथ-पाँव फूल रहे हैं, तो आगे यदि स्थिति भयावह हुई तो यह सरकार क्या करेगी?
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने सवाल किया कि जब छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले न्यूनतम थे और प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त समय और संसाधन मौज़ूद थे तब प्रदेश सरकार ने कोरोना की रोकथाम के समुचित प्रबंध करना ज़रूरी क्यों नहीं समझा? कोरोना संकट के 75-80 दिनों में भी अगर प्रदेश सरकार कोरोना मामलों की जाँच और इलाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाई, लैब नहीं खोल पाई, अस्पतालों का इंतज़ाम नहीं कर पाई तो फिर वह सत्ता में है ही क्यों? कोरोना की रोकथाम के पुख़्ता इंतज़ाम के बजाय प्रदेश सरकार ने सिर्फ केंद्र सरकार से पैसे मांगने, केंद्र सरकार को बात-बेबात कोसने और राजनीतिक नौटंकियों में अपना वक़्त क्यों जाया किया? डॉ. सिंह ने कहा कि एम्स केंद्र सरकार का चिकित्सा संस्थान है, लेकिन प्रदेश सरकार को भी तो अपने स्तर पर व्यवस्थाएँ विकसित करनी थीं जिसमें आज प्रदेश सरकार की नाकामी सामने आ रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी ज़िम्मेदारियों का गंभीरता से निर्वहन नहीं किया और प्रदेश सरकार व उसका स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना के मोर्चे पर ज़ीरो साबित हुआ है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि न्यायालय ने भी प्रदेश सरकार को प्रदेश में बिलासपुर समेत तीन ज़गहों पर कोरोना संक्रमण की जाँच व इलाज की व्यवस्था करने कहा है लेकिन प्रदेश सरकार ने उस न्यायालयीन आदेश का भी सम्मान नहीं किया और यह मसला प्रदेश सरकार ने अब तक बैठकों में ही समेटकर रखा हुआ है। एम्स पर क्षमता से अधिक जाँच रिपोर्ट के लिए दबाव बना रही प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि राजधानी के मेकाहारा और जगदलपुर में क्या कोरोना सैंपल की जाँच का काम नहीं हो रहा है? डॉ. सिंह ने हैरत जताई कि एम्स के कोरोना वॉरियर्स को आधी रात होटल छोड़ने के लिए मज़बूर करने की धृष्टता का प्रदर्शन कर चुकी प्रदेश सरकार आज एम्स पर सैंपल की जाँच रिपोर्ट के लिए दबाव बना रही है! जिस एम्स के कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने का मज़ाक कांग्रेस और प्रदेश सरकार ने उड़ाया, जिस एम्स में प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री समेत प्रदेश सरकार के किसी मंत्री ने इन तीन महीनों में झाँका तक नहीं, वे आख़िर किस अधिकार से एम्स पर उंगली उठा रहे हैं?