नोटबंदी से न नक्सली कम हुए न ही काला धन वापस आया हर किचन में संकट: महिला कांग्रेस
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रायपुर नोटबंदी किए जाने के एक साल बाद भारतीय जनता पार्टी शासित भारत सरकार को हर मोर्चे पर असफल होने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस ने कहा कि जिन बातों का जिक्र करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की थी, उसका नतीजा सिफर ही रहा। बदले में देशवासियों को तरह-तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सर्वाधिक परेशानी महिलाओं को हुई क्योंकि नोटबंदी का सर्वाधिक असर रसोईघरों में हुआ है। नोटबंदी के विरोध में महिला कांग्रेस ने आठ नवम्बर को सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन और कैण्डल मार्च निकालने का फैसला किया है।
प्रदेश महिला कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि नोटबंदी से काला धन वापस आएगा, आतंकवाद पर अंकुश लगेगा और नक्सलियों के पैर उखड़ेंगे। पूरा देश जानता है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं कर सकते। नटबंदी के तुरंत बाद देश की सीमा से पकड़े घए आतंकिवादियों ने नए नोट बरामद हुए। नक्सली आज भी जहां चाहते हैं, जब चाहते हैं और जिस पर चाहते हैं, कातिलाना हमला करते हैं और रही बात काले धन की तो भारत सरकार को बताना चाहिए कि नोटबंदी के बाद किन लोगों का कितना काला धन वापस आया।
देश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए वंदना राजपूत ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में हालात खराब हुए हैं। किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं और उसके बाद लागू जीएसटी ने पूरे देश की अर्थ-व्यवस्था को चौपट कर दिया है। इन सब स्थितियों को जनमानस को बताने के लिए ही कांग्रेस ने आठ नवम्बर को देशव्यापी काला दिन मनाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम के नेतृत्व में आठ नवम्बर को प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में महिलाएं प्रदर्शन करके नोटबंदी का विरोध करेंगी और फिर शाम को सभी जिला मुख्यालयों में कैण्डल मार्च निकाला जाएगा। वंदना राजपूत ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से जन विरोधी फैसलों का विरोध करती रही है और नोटबंदी उसमें से एक प्रमुख है।