मॉकड्रिल कर एम्स से भद्दे मजाक के लिए राज्य सरकार हाथ जोड़कर माफी मांगे : सुनील सोनी
एम्स को अपनी श्रेष्ठता के लिए किसी कलेक्टर के मॉकड्रिल के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है
कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य सरकार खुद तो कुछ कर नहीं रही और चली है एम्स को प्रमाण पत्र देने!
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, सांसद और एम्स सलाहकार समिति के सदस्य श्री सुनील सोनी ने प्रदेश के धमतरी जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को किए गए मॉकड्रिल पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने एम्स प्रबंधन और कोरोना संक्रमितों की सेवा-सुश्रुषा में जुटी टीम के साथ क्रूर मजाक बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार को अपने इस कृत्य के लिए एम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य टीम से बिना शर्त हाथ जोड़कर क्षमायाचना करनी चाहिए।
सांसद श्री सोनी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में जब इलाज कर रहे डॉक्टर्स का एक-एक मिनट बेहद कीमती है, उस समय इस तरह की नौटंकी करना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि अपनी विफलताओं की खिसियाहट में राज्य सरकार कोरोना संक्रमितों के सफल उपचार में एम्स की उपलब्धि को पचा नहीं पा रही है और इसलिए प्रतिशोधवश शायद वह अब इस तरह के हथकण्डे अपनाकर खम्भे नोच रही है। श्री सोनी ने कहा कि एम्स अपने आपमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का ख्यातिप्राप्त चिकित्सा संस्थान है और अपनी इस ख्याति के लिए उसे किसी मॉकड्रिल के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। यह वही छत्तीसगढ़ सरकार है जिसने एम्स के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य टीम को रातो-रात एक होटल से बेदखल कर दिया, उनके रहने और खाने-पीने का समुचित प्रबंध करना जरूरी नहीं समझा, यह सरकार अब एम्स की तैयारियों का जायजा लेने मॉकड्रिल जैसा भद्दा मजाक कर रहे हैं।
सांसद श्री सोनी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में राज्य सरकार का अपना तो कोई योगदान है नहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके किसी भी मंत्री ने एम्स जाने की आज तक कोई जरूरत महसूस नहीं की, वहां के प्रबंधन व चिकित्सकीय टीम का हौसला उन्होंने नहीं बढ़ाया, फिर उसे कोरोना की जंग में सफलतापूर्वक डटे चिकित्सा संस्थान एम्स के योगदान और उसकी तैयारियों पर प्रमाण पत्र देने का नैतिक अधिकार कहाँ से मिल गया? छत्तीसगढ़ में जितने भी कोरोना संक्रमित ठीक होकर वापस अपने घर लौटे हैं, वह एम्स की शानदार उपलब्धि है। प्रदेश सरकार ने जब अपनी ओर से न तो उस एम्स को कोई मदद की और न ही अपने दम पर कोरोना के परीक्षण व उपचार की कोई व्यवस्था की, तो अब उसने मॉकड्रिल क्या सोचकर किया?
सांसद श्री सोनी ने कहा कि जिस एम्स में कोरोना के सफल इलाज को लेकर राज्य सरकार ट्वीट करके रोज अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बन रही है, उस सरकार और उसके नौकरशाहों का ड्रिल का यह घोर निंदनीय कृत्य करना शोभा नहीं देता। श्री सोनी ने इस कथित ड्रिल के दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करते हुए कांग्रेस सरकार से क्षमा याचना की मांग की है।