उत्तर बस्तर कांकेर : गौठान बन रहा स्वसहायता समूह के लिए आजीविका का केन्द्र
उत्तर बस्तर कांकेर :काकेर जिले में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा बाड़ी योजना के तहत निर्मित गौठानों के मल्टी एक्टिविटी सेन्टर के रूप में विकसित होने से स्व सहायता समूह की आजीविका का साधन बन रही है।
नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए हुये लॉकडाउन के कारण जहां लोगो के आने-जाने में कठिनाईयों का समाना करना पड़ रहा है, वही स्व सहायता समूह की महिलायें गौठानों से उत्पादित सब्जीयों जैसे भिण्डी, बरबट्टी, मिर्ची, भाजी को बेचकर अपने गांव में सब्जी की आपूर्ति कर रहे है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ संजय कन्नौजे ने बताया कि कलेक्टर श्री के.एल. चौहान के मार्गदर्शन में जिले के सभी गोठानों को मल्टी एक्टीविटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसमें गोठानों में सीमेन्ट पोल निर्माण, सब्जी उत्पादन, मक्का उत्पादन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन एवं अन्य गतिविधियां की जा रही है।
जिले के 17 गोठानों में सब्जी उत्पादन का कार्य स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा की जा रही है। लाकडाउन के समय में अपने गांव तथा आसपास के गांवों मे सब्जी बेचकर सब्जी की आपूर्ति कर रहे हैं, इससे गांव वालो को सब्जी की आसानी से उपलब्ध हो रही है। नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम श्रीगुहान के जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा लॉकडाउन में भी सब्जी बेचकर 12 हजार 400 रूपये और चारामा विकासखण्ड के ग्राम मरकाटोला के ज्योति स्व-सहायता समूह द्वारा 09 हजार 500 रूपये की आर्थिक लाभ अर्जित किये। लाकडाउन के दौरान जिले के 17 गोठानों में 34 स्व-सहायता समूहो की महिलाओं द्वारा गोठानों में उत्पादित सब्जिया बेचकर 74 हजार 660 रूपये का लाभ प्राप्त कर चूके है। सीईओ डॉ कन्नौजे ने बताया कि गोठान ग्रामों में बाडी व घुरवा विकास का कार्य के साथ स्व-सहायता समूह के महिलाओं एवं स्थानीय लोगो को स्व-रोजगार मिलने से उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार हो रहा है, जिससे गौठान स्व सहायता समूह की महिलाओ के लिए आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है।