राहत शिविर में रूके लोगों का प्रशासन रख रहा है पूरा ख्याल
प्रवासी श्रमिकों के भोजन, आवास के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का भी रखा जा रहा ध्यान
रायपुर : कोरोना महामारी की वजह से देश व्यापी लॉकडाउन के चलते मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में जिला प्रशासन गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जिले में लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, आवास के साथ साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए गुरुकुल शिविर में मनोरंजन और आत्मिक विकास का ख्याल भी रखा जा रहा है, जिससे जिले में प्रवासी श्रमिकों को शिविर में अपनेपन का अहसास हो रहा है। श्रमिकों ने कहा है कि यहां जो अपनत्व का अहसास मिला है, वो बेहद अच्छा लगा।
कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने स्वयं गुरुकुल परिसर में निर्मित राहत शिविर का अवलोकन किया तथा प्रवासी श्रमिकों से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि इस आपदा की स्थिति में स्वयं को बिल्कुल भी अकेला न समझें। जिला प्रशासन का प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी आप सब के साथ है और इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि आप सभी को किसी प्रकार की भी दिक्कत न हो।
श्रमिकों ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा न केवल हमारे भोजन व आवास संबंधी समस्याओं को हल किया जा रहा है और दैनिक जीवन हेतु आवश्यक विभिन्न सामग्रियों को उपलब्ध कराया जा रहा है, हमारे मनोरंजन हेतु टेलीविजन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। टेलीविजन के माध्यम से रामायण और महाभारत जैसे सीरियल देख कर न केवल हमारा मनोरंजन हो रहा है, हमे जीवन में अमल में लाने वाली महत्वपूर्ण शिक्षाएं भी प्राप्त हो रही हैं। हम यह सीख पा रहे हैं कि संकट की स्थिति में हमे अपना धैर्य न खोते हुए उत्साहपूर्वक परिस्थियों का सामना करना चाहिए और एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए।
श्रमिकों ने कहा कि प्रतिदिन प्रातः पी.टी. कराई जाती है और योग की कक्षाएं आयोजित की जाती हैं जिससे हममें शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति और उत्साह का संचार होता है। हम सभी श्रमिकों द्वारा सामूहिक भजन भी किया जाता है जिससे संकट की घड़ी में आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
जिला प्रशासन द्वारा आप सभी प्रवासी श्रमिकों की देखभाल का उचित प्रबंध किया जा रहा हैं और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है। राहत शिविरों में भोजन व नाश्ते के साथ स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है। प्रवासी श्रमिकों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने, नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने के लिये अपने साथ अपने परिवार के सदस्यों को भी प्रेरित करने की समझाइश दी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा शिविर में रहने वाले लोगों को मॉस्क वितरण किया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
जिले में विभिन्न संस्थाओं में निर्मित राहत शिविरों में 133 प्रवासी मजदूरों और निराश्रितों की जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है जिसमें गुरुकुल सामान्य छात्रावास में 41, क्रीड़ा परिसर में 41, आमाडोब में 1, चुक्तिपानी आश्रम में 15, फिजिकल छात्रावास में 21 और प्री मैट्रिक आदि. बालक छात्रावास मरवाही में 14 श्रमिक शामिल हैं।
गुरुकुल छात्रावास राहत शिविर की व्यवस्थाओं की श्रमिको ने की सराहना
गौरेला-पेन्ड्रा जिले में गुरुकुल छात्रावास में बनाये गए राहत शिविर की व्यवस्थाओं की श्रमिकों ने प्रशंसा की और कहा कि भोजन, आवास आदि की सारी व्यवस्थाएं बहुत बढ़िया तरीके से संचालित है। कानपुर से आने वाले श्रमिक श्री इंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि गुरुकुल में व्यवस्था बढ़िया है। खाना और चाय नाश्ता अच्छे से मिल रहा है। व्यवस्था में कोई कमी नही है। यहां दैनंदिन आवश्यकता की सभी जरूरी चीजें मिल जा रही हैं।
मिर्जापुर उत्तरप्रदेश से आये हुए श्रमिक श्री महेंद्र दुबे ने कहा कि गुरुकुल छात्रावास में सारी व्यवस्थाएं अच्छे ढंग से संचालित हैं। उन्होंने राहत शिविर में रह रहे श्रमिकों की दिनचर्या के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम सब सुबह 6 बजे उठते हैं, फिर स्टेडियम में पीटी और योग करते हैं। गुरुकुल में 8 बजे चाय व नाश्ता मिल जाता है, फिर 11 बजे भोजन मिलता है। शाम 4.30 बजे के लगभग फिर से चाय मिलती है और रात्रि 7.30 बजे भोजन मिलता है। हमारे मनोरंजन के लिए टीवी है। हम लोग साथ मे बैठकर भजन कीर्तन करते हैं। हम लोग सोशल डिस्टेन्स बनाये रखते हैं और कोरोना से बचाव के सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।