November 23, 2024

कवर्धा : लॉक डाउन में महिला स्वसहायता समूह ने 48 हजार का जैविक खाद बेचकर मिशाल कायम की

0

समूह ने कहा: सरकार की दूरगामी सोच से इस संकट की घड़ी में सुराजी गांव योजना संजीवनी की तरह काम किया

कवर्धा, छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों के जीवन मे सकारात्मक बदलाव लाने बनाई गई सुराजी गांव योजना इस राष्ट्रव्यापी वैश्विक महामारी कोविड-19 के रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में मददगार साबित हो रही है। महज साल भर पहले कबीरधाम जिले के ग्राम घोंघा में सुराजी गांव योजना के तहत मॉडल गौठान की नींव रखी गई थी। इस गौठान से मिलने वाली गाय की गोबर से वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए गांव की ही रविदास महिला स्व सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई थी। इस समूह में वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाते समय यह सभी भी नही सोचा था कि इस देश मे कभी ऐसी महामारी के संकट के बादल मंडराएगा, जिसकी वजह से पूरा देश के विकास का रफ्तार थम सा जाएगा, और उस घड़ी में उनके द्वारा तैयार की गई खाद उनके जीवन में बदलाव के लिए संजीवनी की तरह काम मे आएगा। सच में ऐसा ही हुआ। आज देश में चीन से निकली कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाब के लिए पूरा देश लाकडाउन है। ऐसी आर्थिक संकट की घड़ी में इस समूह में गौठान में बनाया 56 क्विंटल खाद की बिक्री कर 48 हजार 686 रुपए की आमदनी की है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सरकार की इस दूरगामी सोच का यह सकारात्मक परिणाम है। प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बनी इस योजना के मूल उद्देश्य आज इस संकट के दौर में लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है।

कबीरधाम जिले की विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम घोंघा स्थित माॅडल गौठान में रविदास महिला स्व.सहायता समूह को वर्मी खाद बेचकर अच्छा लाभ हुआ है। गौठान में उपलब्ध गोबर से समूह द्वारा 60 क्विंटल खाद का निर्माण किया गया है जिसमें से 56 क्विंटल खाद उद्यानिकी विभाग के द्वारा खरीदा गया। जिसका उपयोग विभाग द्वारा अपनी शासकीय रोपणी में किया जाएगा। उद्यानिकी विभाग द्वारा 56 क्वींटल खाद के लिए रवी दास स्व.सहायता समूह को 48,686 रूपए का भुगतान किया गया है।

सुराजी गांव योजना के तहत गौठान से हुए आमदनी के कारण समूह की महिलाएं खुश है । इस संबंध में समूह कि अध्यक्ष श्रीमती विमला बघेल ने बताया कि रविदास समूह में दस महिलाएं कार्य कर रही है। गौठान निर्माण के बाद से ही गोबर से वर्मी खाद बनाने का कार्य लगातार चल रहा था। कृषि एवं पशुपालन विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन निरंतर मिलता रहा है जिसके परिणाम स्वरूप हमारे समूह द्वारा अच्छे किस्म का खाद तैयार कर पाए। समूह की सचिव श्रीमती पुष्पा बघेल ने बताया कि खाद को बेचकर इससे हुए आमदनी ने हमारा मनोबल बढ़ाया है। हमे आय के साधन मिल गए है जिसे हम कुशलतापूर्वक कर रहे है।

सुराजी गांव योजना से जुड़कर महिलाएं हो रही है आत्मनिर्भर

जिला पंचायत सीईओ श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के अंतर्गत प्रथम चरण पर जिले के 74 ग्रामों में गौठान का निर्माण कराया गया है। गौठान से आजीविका संवर्धन के लिए बहुत से अलग-अलग गतिविधियां संचालित है। जिनमें से एक खाद निर्माण के द्वारा आजीविका कमाना है। गौठान में उपलब्ध गोबर से आजीविका के साधन वर्मी खाद के रूप में स्थानीय महिला स्व.सहायता समूह को मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *