हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय भाजपा में शामिल
बीजेपी में शामिल होने के बाद मुकुल रॉय ने पत्रकारों से कहा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी सत्ता में आएगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करने का गर्व है.’
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता मुकुल रॉय, जो कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद सबसे शक्तिशाली नेता माने जाते थे, ने शुक्रवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी में उनका स्वागत किया.
बीजेपी में शामिल होने के बाद मुकुल रॉय ने पत्रकारों से कहा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी सत्ता में आएगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करने का गर्व है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि बीजेपी साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्म निरपेक्ष है और निकट भविष्य में पश्चिम बंगाल में पार्टी सत्ता में आएगी.
इस अवसर पर मंच पर मौजूद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘मुकुल रॉय के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा. प्रसाद ने कहा कि मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे हैं और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. रॉय ने प्रभावशाली तरीके से माकपा के 30 वर्षों के शासन के दौरान जारी ज्यादती के खिलाफ संघर्ष किया और उस समय माकपा के आतंक को समाप्त करने में हिम्मत से लड़े. उन्होंने कहा कि भाजपा का विस्तार हो रहा है और हमारा क्षेत्र बढ़ रहा है. आज देश में 13 राज्यों में हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और पांच राज्यों में हमारे उपमुख्यमंत्री हैं. केंद्र में हमारी सरकार है. मुकुल रॉय जैसे बड़े और अनुभवी नेता के भाजपा में शामिल होने का हमें लाभ मिलेगा. मुकुल रॉय के भाजपा में आने से संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी और बंगाल में हमारा विस्तार होगा.’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिलकर टीएमसी की स्थापना करने वालों में शामिल रहे मुकुल रॉय यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें काफी दिनों से चल रही थी. पिछले माह ही राज्यसभा से उनका इस्तीफा मंजूर किया गया था. राय ने 11 अक्टूबर को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था.
इस अवसर पर मुकुल रॉय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि भाजपा के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी. 1998 में वह भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनी. उन्होंने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आयेगी.
साभार :NDT.V.