आदतन अपराधियो को शहर में राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त, इसलिए आरोपी खुलेआम घूम रहे है – अमित जोगी।
यह घटना कभी भी सांप्रदायिक रंग ले सकती है, क्योंकि पूरे देश मे शोसल मिडिया के माध्यम 11 लाख लोगों ने इसे देख अपना रोष प्रकट किया।
आम जनता को लुटने वाले बिल्डर्स के समर्थन में कांग्रेसी नेताओ द्वारा जनता की आवाज दबाने जोगी कांग्रेस प्रवक्ता विक्रांत पर किया गया जानलेवा हमला।
हमले के वक्त FIR उपरांत कार्यवाही का दावा करने वाली पुलिस 21 दिन बाद भी असहाय है, क्यों?
jogi express
बिलासपुर, विगत 12 अक्टूबर 2017 को अधिराज बिल्डर द्वारा बुलाई गई समझौता बैठक में पीड़ित पक्ष की तरफ से आए जनता कांग्रेस के जिला प्रवक्ता इंजी. विक्रांत तिवारी पर कांग्रेसी अकबर खान एवं उसके साथियों वसीम खान, अकील खान, दानिश खान आदि द्वारा किये गए जानलेवा हमले पर पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई ना ही अधिराज बिल्डर्स से पीड़ित लोगो द्वारा लिखित शिकायत पर कोई कार्यवाही की गई, जो कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस की मिलीभगत स्पष्ट दर्शाता है। आम जनता को लुटने वाले बिल्डर्स के समर्थन में कांग्रेसी नेताओ द्वारा जनता की आवाज दबाने जोगी कांग्रेस प्रवक्ता विक्रांत पर जानलेवा हमला किया गया । शहर के लिए ये बड़ी विडंबना है कि आदतन अपराधी रहे आरोपी आज भी खुले आम घूम रहे है, और पुलिस राजनीतिक दबाव में आकर आरोपियों को बचा रही है। इससे ये कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि शहर में असामाजिक तत्वों को भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का सरंक्षण प्राप्त है। और जनता इनकी देहशत में रहने के लिए मजबूर है। सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा आरोपियों पर कार्यवाही ना करते हुए उन पर लगाई गई धाराओं को हटाने मशक्कत की जा रही है। जांच करने वाले पुलिसकर्मी को सुनियोजित तरीके से कार्यवाही बाधित करने की मंशा से राज्य उत्सव रायपुर में ड्यूटी पर भेजा गया है। और थाना प्रभारी द्वारा केस डायरी लेकर धारा 327हटाने कोर्ट के चक्कर लगाए मरवाही विधायक अमित जोगी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले में त्वरित करवाही हेतु ज्ञापन सौंपने गया। ज्ञात हो कि उक्त हमले में जिला प्रवक्ता इंजी. विक्रांत तिवारी के सिर पर गंभीर चोट आई जिस कारण वह 17.10.2017 तक सिम्स अस्पताल में भर्ती रहे। जिसपे भी SPमहोदय का ध्यान आकृष्ट करते हुए अमित जोगी ने बताया की अब तक विक्रान्त को कोई रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। आरोपियों को धारा 307 से बचाने अस्पताल की रिपोर्ट पर थाना प्रभारी द्वारा क्युरी रिपोर्ट अब तक नहीं मांगी गई जो कि संदेहास्पद है। यह बताने की जरुरत नहीं कि उक्त घटना थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में हुई है और हमले उपरांत फेसबुक पर विक्रान्त तिवारी द्वार लाईव विडियो पोस्ट किया गया जिसे पूरे देश में 11लाख लोगो ने देखा 20000 लोगो ने शेयर किया और 35000 लोगो ने पुलिस की मौजूदगी में हुई घटना की निंदा कमेंट के रुप में किया। ये प्रदेश के लिए इतिहास है।पुलिस की मौजूदगीमें हुए हमले के पश्चात भी पुलिस द्वारा आरोपियों पर करवाही न करने से जनता का पुलिस प्रशासन पर से भरोसा उठता दिख रहा है। जो पुलिस हमले के वक्त FIR उपरांत कार्यवाही का दावा कर रही थी वह पुलिस 21 दिन बाद भी कार्यवाही करने में असहाय दिख रही है जो कई सवालो को जन्म देता है।इस घटना से पूरे देश में श्री विक्रांत तिवारी के प्रति सद्भावना का संचार हो रहा है अगर किसी असामाजिक तत्वों द्वारा इस घटना को हिन्दू-मुसलमान का रंग दे दिया गया तो पूरे देश प्रदेश में साम्प्रादायिक हिसा से इंकार नही किया जा सकता। जिसकी पूरी जवाबदारी पुलिस प्रशासन की होगी।अमित जोगी ने पुलिस अधीक्षक से मांग किया कि आरोपियों पर शीघ्र-अतिशीघ्र कार्यवाही करें, तथा धारा 307 के तहत उन आदतन अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करें। ताकि शहर का वातावरण शांत बना रहे।साथ ही अधिराज पीड़ितो की लिखित शिकायत पर कार्यवाही करते हुए अधिराज बिल्डर्स के समस्त संचालको पर कार्यवाही किया जाए। ताकि जनता का विश्वास पुलिस प्रशासन पर कायम रहे।ज्ञापन सौपने में मुख्य रुप से अमित जोगी, अनिल टाह, संतोष दुबे, विश्वंभर गुलहरे, शहजादी कुरैशी, समीर अहमद, जीतू ठाकूर, विकास दुबे,विक्रांत तिवारी, कैनेथ कॉलिन्स, साजी मैथ्यू, बृजेश साहू, मणिशंकर पाण्डेय, गजेन्द्र श्रीवास्तव, हितेश सिंह ठाकूर, विजय दुबे, राहुल पहुंचेल, आकाश दुबे आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।