अधूरा है काम, फिर कैसा ईनाम – पुरस्कार की लालसा में दिखा दिया फर्जी प्रगति
जोगी एक्सप्रेस
बुढ़ार,अखिलेश मिश्रा । प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्धारित लक्ष्य में से 40 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर सम्मानित होने की लालसा में जनपद पंचायत बुढार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जमकर फर्जीवाड़ा किया है। जनपद पंचायत अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के आधे अधूरे निर्माण कार्यो को पूरा बताकर सार्वजनिक मंच से अधिकारी ने सम्मान हासिल कर लिया, जबकि वास्तविकता यह है कि कई ग्राम पंचायतों में जिन कार्यों को पूर्ण बताया गया है वह आज भी अधूरे पड़े हैं। आवास के सामने का हिस्सा रंग रोगन कराकर हितग्राही के साथ फोटो खींच लिया गया और उसे पूरा बता दिया गया है। दूसरी ओर उसी आवास के भीतर न तो दीवारों की छपाई हुई है, न फर्श बने हैं और ना ही खिड़की दरवाजे लगे हैं। इस प्रकार के उदाहरण ग्राम पंचायत दर्शिला, बिलटिकुरी, कोलमी, घुनघुटा आदि जगह देखे जा सकते हैं।
अपात्र भी बन गए पात्र
जानकार सूत्र बताते हैं कि ग्राम पंचायत दर्शिला निवासी राजाराम चर्मकार ने पहले से ही 12 स्क्वायर फिट पर लगभग 6 लाख रुपए की लागत से चार कमरों का पक्का मकान बना रखा था। जब उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की सूची में शामिल कर लिया गया तब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की जिस पर शिकायत की जांच के लिए एक टीम गांव भेजी गई। उक्त टीम ने हकीकत जानने के बाद राजाराम चर्मकार को अपात्र घोषित कर दिया।
सीईओ की मनमानी
जांच टीम द्वारा राजाराम को अपात्र करने के पश्चात जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अरुण कुमार भारद्वाज ने आर्थिक समीकरणों के चलते राजाराम चर्मकार को पुन: पात्र घोषित करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राही बना दिया। सूत्रों की माने तो जनपद पंचायत बुढार अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजली पुरी में बस और समाज के अधिकांश पीएम आवास आज भी अपूर्ण स्थिति में है दूसरी और उन्हें पूर्ण बताते हुए 40: आवास पूर्ण करने का लक्ष्य हासिल करना दिखाकर पुरस्कार प्राप्त कर लिया गया है कुछ ऐसा ही आलम ग्राम पंचायत कोलमी तथा घुनघुटा के गलगला टोला में बना हुआ है