नए पुलिस कमिश्नर के लिए शिवसेना पर भारी पड़ी NCP की ‘चॉइस’!
मुंबई
सीनियर आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर नियुक्त हो गए हैं। अब इस नियुक्ति के पीछे की 'राजनीति' का किस्सा सामने आ रहा है। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार ने इस पद के लिए दो नामों को शॉर्टलिस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर शिवसेना की पसंद पर एनसीपी की पसंद को तवज्जो दिया गया।
एक आईपीएस अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया, 'हमारी जानकारी यह है कि शिवसेना, पुलिस कमिश्नर के पद के लिए के. वेंकटाशम के पक्ष में थी। लेकिन एनसीपी की पसंद के आगे शिवसेना को झुकना पड़ा।' बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सीनियर आईपीएस परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को अंडरवर्ल्ड के नेटवर्क की गहरी जानकारी है।
परमबीर अभी ऐंटी करप्शन ब्यूरो के डीजीपी के पद पर नियुक्त थे। इससे पहले वह ठाणे के पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार एल्गार परिषद मामले और अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले के मामले में 'अनुकूल' परिणामों की वजह से ही एनसीपी ने परमबीर सिंह की जोरदार तरीके से पैरवी की।
एल्गार परिषद केस में दिए आरोपियों के खिलाफ 'सबूत'
परमबीर सिंह ने अडिशनल डीजीपी (कानून व्यवस्था) के तौर पर एल्गार परिषद केस में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करते हुए आरोपियों के खिलाफ 'सबूत' दिए थे। वहीं वेंकटाशम की अगुवाई में पुणे पुलिस ने ऐक्टिविस्ट्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने दावा किया था कि ऐक्टिविस्ट्स को फंसाया गया है। उन्होंने पुणे पुलिस की भूमिका की जांच की मांग करते हुए एसआईटी गठित करने की मांग की थी।
सिंचाई घोटाले में अजित पवार को दी क्लीन चिट
इसके साथ ही एक मसला कई हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के साथ भी जुड़ा हुआ है, जिसमें एनसीपी नेता तथा वर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ ही सुनील तातकारे का नाम शामिल था। इस घोटाले की जांच ऐंटी करप्शन ब्यूरो के हाथों में थी, जिसके डीजीपी परमबीर सिंह थे। बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच के सामने फाइल किए गए ऐफिडेविट में सिंह ने पवार को क्लीन चिट दे दी थी।