‘‘मेरे किरदार ‘पुष्पा’ और मुझमें एक जैसी मां की ममता है’’- यह कहना है सोनी सब के ‘मैडम सर’ की सोनाली नाईक का
सोनी सब के ‘मैडम सर’ का हिस्साा बनकर कैसा लग रहा है? जब आपसे पुष्पाे की भूमिका के लिये संपर्क किया गया था तो आपकी क्यान प्रतिक्रिया थी?
सोनी सब के साथ यह मेरा पहला शो है और मुझे वाकई बहुत मजा आ रहा है। पहले मैंने कुछ कॉमिक-नेगेटिव किरदार निभाये हैं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं हल्के -फुलके कॉमेडी जोनर में भी भूमिका निभा सकती हूं। इस भूमिका के लिये प्रोडक्शयन टीम ने मुझ पर भरोसा किया और इससे मैं अपना सर्वश्रेष्ठम प्रदर्शन करने के लिये प्रेरित हुई। जब मुझसे पुष्पाक की भूमिका के लिये संपर्क किया गया तो मैं इसकी कहानी और कॉन्सेेप्ट से काफी प्रभावित हुई। ‘मैडम सर’ बेहद दिलचस्पर एवं रोचक है और साथ ही भावनाओं के माध्यपम से दर्शकों को बांधती भी है।
मुझे लगता है कि मैं पुष्पा’ के किरदार के लिये पूरी तरह उपयुक्तह हूं। आज के समय में उम्र के इस पड़ाव पर आकर एक नायिका की भूमिका मिलना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है, क्यों कि नायिका से उम्मी दें काफी ज्या दा होती हैं। विविधताओं से भरपूर महिलाओं के इस ग्रुप से मैं वाकई बहुत खुश हूं और मैं खुद को खुशकिस्मेत मानती हूं कि मुझे अपने कॅरियर में नये कॉन्सेैप्ट और भूमिकाओं को निभाने का मौका मिल रहा है। एक कलाकार के तौर, इस तरह की सशक्त तथा अहम भूमिका निभाना मुझे शांति देता है। साथ ही लगातार अपनी परफॉर्मेंस के माध्यमम से सबको खुश करने के लिये मैं प्रेरित होती हूं।
पुष्पा के किरदार के बारे में बतायें?
पुष्पा हेड कॉन्स टेबल हैं और अमीनाबाद महिला पुलिस थाना में काउंसलिंग हेड हैं। वह पुलिस स्टेमशन की सबसे वरिष्ठ सदस्यक है। वह सचमुच काफी समझदार और अच्छां किरदार है, जिसका स्वेभाव शांत है। पुष्पास दिल से चाहती है कि रिटायरमेंट से पहले जीवन में कुछ बड़ा करके जाये, क्योंउकि उसने अपनी पूरी जिंदगी पुलिस स्टेशशन में बितायी है। उसने पूरी जिंदगी खुद ही बेटे की देखभाल, घर के कामों और पुलिस स्टे शन में कामों को संभाला है। पुष्पा को बस इसी बात से राहत मिलेगी कि उसे एक योग्यक बहू मिल जाये, जोकि सारी जिम्मे दारियां संभाल ले, लेकिन चीजें उस समय बदल जाती हैं जब उसका बेटा एक दबंग पुलिस ऑफिसर, करिश्मान से शादी कर लेता है।
क्या आप पुष्पाज के किरदार से खुद को जोड़ पाती हैं?
मुझे ऐसा लगता है कि पुष्पा और मुझमें काफी सारी समानताएं हैं। पुष्पार जिस तरह बच्चोंम से प्याेर करती है, मैं भी बच्चोंल से वैसा ही प्याकर करती हूं। पुष्पाम पुलिस स्टे शन में सबसे ज्या दा ख्यााल रखने वाली और प्याैर करने वाली इंसान है। हम दोनों में एक जैसी ही ममता है और सुरक्षा को लेकर वैसा ही सहज भाव है। इसकी वजह से ही मुझे पुष्पा की भूमिका निभाने में काफी मजा आ रहा है।
सोनी सब के आगामी शो ‘मैडम सर’ में पुष्पा की भूमिका की तैयारी किस तरह कर रही हैं? आपको अपने किरदार की कौन-सी बात पसंद है?
मैं महाराष्ट्रियन हूं और पहले मैंने ज्या?दातर महाराष्ट्रियन भूमिकाएं ही निभायी हैं। ‘मैडम सर’ के साथ उस लखनवी लहजे़ को अपनना थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा है और उसे सही तरीके से निभाना, रातोंरात होना संभव नहीं। इस भूमिका के लिये मैंने काफी मेहनत की है और इस लगन ने मुझे युवा होने का अहसास कराया, जब मैं इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में काम कर रही थी। कुछ नया सीखना और क्रिएटिविटी के साथ काम करना एक कलाकार को जीवंत बनाये रखता है।
लखनवी भाषा की वर्कशॉप अभी भी चल रही है, एक रिटायर्ड महिला पुलिस अधिकारी भी हमें गाइड करने के लिये आयी थीं कि किस तरह पुलिस ऑफिसर को छोटी-छोटी बातों का ध्यासन रखना पड़ता है। उन्होंलने हम सबको सैल्यूयट करना और एक पुलिस ऑफिसर के तौर-तरीके सिखाये। हमारे लिये सीखने का यह सफर अभी भी जारी है और यह पूरी तरह रोमांच से भरा हुआ है।
महिला पुलिस थाने के कॉन्सेेप्टै के बारे में आपकी क्याम राय है ?
मुझे लगता है कि यह सरकार का बहुत ही समझदार कदम है। इस शो में काम करने के दौरान मुझे पता चला कि भारत में महिलाओं के लिये लगभग एक हजार पुलिस स्टेैशन हैं। इससे महिलाओं को अपनी बात रखने की हिम्ममत मिलती है और जब भी जरूरत हो वह बेझिझक अपनी शिकायत लिखावा सकती हूं। इस पहल ने कई सारी महिलाओं को महिला पुलिस थाने आने और अपनी शिकायत दर्ज कराने की हिम्ममत दी, इस दौरान उनकी समस्याह को साथी पुलिस अधिकारी द्वारा समझा जाता है और उन्हें सहज बनाये रखने की कोशिश की जाती है।
‘मैडम सर’ के सेट पर पहले दिन का अनुभव कैसा था?
‘मैडम सर’ के सेट पर पहला दिन काफी शानदार था और वह पूरी तरह से सकारात्मसकता और उम्मीिद से भरा था। जब मैंने इस शो के पहले सीन की शूटिंग की थी तो मैं काफी उत्सा हित थी। हर दिन मुझे शूटिंग पर जाने का इंतजार रहता था, क्योंनकि बहुत ही कम समय में हमारे बीच एक परिवार की तरह रिश्ता बन गया था।
लखनऊ में शूटिंग का अनुभव कैसा था?
लखनऊ में शूटिंग का अनुभव काफी अच्छाक, यादों से भरा था। भयानक ठंड के मौसम में हम सुबह 4 बजे सूरज उगने से पहले जाग जाया करते थे। अब कुछ अनुभव ऐसे हैं जिन्हेंो हम कभी नहीं भूल पायेंगे। हमने कई खूबसूरत जगहों पर शूटिंग की और कई बार पुलिस के सुरक्षा घेरे में भी। लखनऊ में लोग काफी मिलनसार हैं और हमारा दिल खोलकर स्वागगत किया गया। जब लोग आपके लिये तालियां बजा रहे हों तो उनके बीच में शूटिंग करने का अनुभव बहुत ही अच्छाऔ है।
इस शो से दर्शकों को क्याय उम्मीकद करनी चाहिये?
‘मैडम सर’ में पुलिसगिरी को लेकर एक नये तरह की सोच पेश की जायेगी, जिसे हम दिल से पुलिसगिरी कहते हैं। ये चारों दमदार महिलाएं पुलिस स्टेकशन को चलाती हैं और विभिन्ना मुद्दों तथा मामलों को सुलझाती हैं। ये मामलों को हल्केम-फुलके ढंग से सुलझाने का तरीका पेश करेंगी। जैसा कि हमारी टैगलाइन कहती है, ‘कुछ बात है क्योंंकि जज्बात है’, जो बताता है कि भावनाओं और समझ के साथ किसी भी चीज को सुलझाया जा सकता है। अमीनाबाद पुलिस स्टेजशन की कहानी का पन्नाश खुलने के साथ ‘मैडम सर’ हमारे दर्शकों के चेहरे पर मुस्कुेराहट लेकर आयेगा।