शिक्षक पात्रता परीक्षा पर फिर विवाद : बाहरी राज्यों को 100 फीसदी कोटा देने से एमपी के उम्मीदवार नाराज़
भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया है.उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती में खाली पदों में असमानता को लेकर शिक्षकों (teachers) ने विरोध जताया है.शिक्षकों की नाराजगी दो बातों को लेकर है.पहली बात ये कि अधिकतर विषयों में योग्य उम्मीदवार ना मिलने से आधे से ज्यादा पद खाली रहेंगे. दूसरी आपत्ति ये है कि बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को परीक्षा में 100 फीसदी कोटा दे दिया गया है.
शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर एमपी के उम्मीदवारों की आपत्ति ये है कि परीक्षा से पहले बाहरी राज्यों के आवेदकों को 100 फीसदी कोटे की बात नहीं कही गई थी. बाहरी उम्मीदवारों को शत-प्रतिशत कोटा देने के कारण ज्यादातर विषयों की मेरिट में बाहरी राज्यों के परीक्षार्थी काबिज हैं. इस वजह से एमपी के ज्यादातर उम्मीदवार या तो बाहर हो गए है..या फिर वेटिंग की कतार में हैं.
शिक्षकों ने खाली पदों पर भर्ती की मांग को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर धरना दिया.शिक्षकों का कहना है कि कई विषय ऐसे हैं जिनमें पदों की तुलना में योग्य उम्मीदवारों की संख्या कई गुना है.उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए विषयवार भर्ती में 4सब्जेक्ट ऐसे हैं जिनमें पदों की संख्या के बराबर योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिल पाए.इन विषयों में अंग्रेजी,मैथ्स,फिजिक्स,केमेस्ट्री शामिल हैं.
उच्च माध्यमिक शिक्षक के 15हजार पद हैं. इन चार विषयों में योग्य उम्मीदवार ना मिलने से 2252पद खाली रह जाएंगे.वहीं एसटी-एससी,ओबीसी आरक्षित पदों के लिए भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने से पद खाली रहने की संभावना है.इस पर शिक्षकों का कहना है पदों को बैकलॉक ना करके दूसरे उम्मीदवारों से आरक्षित वर्ग के पदों को भरा जाएं. उर्दू विषय के शिक्षक इस बात को लेकर नाराज हैं कि वो पिछले 20साल से भर्ती का इंतजार कर रहे थे. 20साल बाद प्रक्रिया शुरू भी हुई तो सिर्फ 70 पदों के लिए. 29 पद एससी-एसटी के लिए आऱक्षित होने के बाद भी एक भी उम्मीदवार परीक्षा पास नहीं कर पाया है.