दोषियों को अलग-अलग फांसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई आज: निर्भया केस

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 नई दिल्ली 
साल 2012 के दिल्ली गैंग रेप मामले में जस्टिस आर भानुमति के नेतृत्व में तीन जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच गृह मंत्रालय की उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें दोषियों को अलग अलग फांसी के निर्देश देने की बात कही गई थी। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के मामले में चारों दोषियों में से एक विनय ने 20 फरवरी को दिल्ली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया थी। वकील एपी सिंह के जरिए से विनय शर्मा ने अपने उपचार की मांग की थी। अदालत ने विनय शर्मा की उस याचिका पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा। याचिका में विनय ने तथाकथित मानसिक बीमारी शिजोफ्रेनिया और सिर तथा हाथ की चोट के उपचार का आग्रह किया था।
 
अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय और अक्षय कुमार के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी कर उन्हें आगामी तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का निर्देश दिया था। यह तीसरी बार है जब चारों दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी किया गया है।

विनय ने जेल की दीवार में मारा सिर

फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया के दोषी विनय ने एक और तिकड़म अपनाया। 16 फरवरी को निर्भया के दोषी विनय ने जेल की दीवार से सिर मारा, जिसमें वह मामूली रूप से घायल हो गया। इससे पहले विनय तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर चला गया था। विनय तिहाड़ जेल के तीन नंबर सेल में अकेला बंद है। 16 फरवरी को उसने दीवार में सिर और मुक्का मारा, जिससे वह घायल हो गया। सेल में ही डॉक्टर ने उसका उपचार किया था। सेल के बाहर बैठे वार्डन भी बचाने के लिए नहीं पहुंचा था। जेल के सूत्रों का कहना है कि वह तनाव में आ गया है, जिसकी वजह से उसने ऐसा किया। दोषी विनय को मनोचिकित्सक से भी दिखाया गया था। 

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