मरीज के पेट से निकाली 7 किलो की किडनी
मुंबई
वैसे तो किडनी का साइज 120-150 ग्राम होता है, लेकिन मुंबई के डॉक्टरों ने एक मरीज के पेट से 7 किलो की एक किडनी निकाली है। अगर दोनों किडनी की बात करें तो इनका वजन 12.8 किलो निकला है। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज को यह समस्या ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज (एडीपीकेडी) के कारण हुई थी।
एक निजी अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, गोवा के रहने वाले रोमन (41) खराब किडनी के कारण लंबे समय से डायलिसिस पर थे। मरीज को इससे छुटकारा दिलाने के लिए न केवल उन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत थी, बल्कि बढ़ रही किडनी को भी निकालना था। नतीजतन डॉक्टरों ने पहले सर्जरी कर मरीज की किडनी निकाली और उसके बाद स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए नई जिंदगी भी दी। अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप राव ने बताया कि रोमन की मम्मी को (एडीपीकेडी) की शिकायत थी। नतीजतन रोमन को भी यह समस्या हो गई थी। किडनी के बढ़ते साइज के कारण न केवल इसने काम करना बंद कर दिया था, बल्कि इससे रोमन को चलने-फिरने में भी काफी दिक्कत हो रही थी। नतीजतन खराब हो चुकी दोनों किडनी को निकालना पड़ा। रोमन की बाईं किडनी का वजन 7 किलो, जबकि दाहिनी किडनी का वजन 5.77 किलो था। ऐसे मां-बाप जिन्हें एडीपीकेडी की शिकायत होती है, उनके बच्चों में इस समस्या के होने की 50 प्रतिशत संभावना होती है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में मरीज के पेट से 7.4 किलो की किडनी निकाली गई थी, जबकि दुनिया में अबतक सबसे वजनी 9 किलो की किडनी एक मरीज के पेट से निकाली जा चुकी है।
ऐसे हुआ ट्रांसप्लांट
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, रोमन को नई जिंदगी देने में उनकी पत्नी की अहम भूमिक है। वैसे तो रोमन की पत्नी ही रोमन को किडनी दान करना चाहती थीं, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के कारण उनकी किडनी रोमन को नहीं मिल सकी। नतीजतन डॉक्टरों ने स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट का सहारा लिया। इसके तहत किडनी की बीमारी से जूझ रहे अमरावती के एक मरीज नितिन की पत्नी ने रोमन को किडनी दी, जबकि रोमन की पत्नी ने नितिन को किडनी दी। इसके बाद दोनों मरीजों को नई जिंदगी मिली।
मरीज रोमन ने हमें बताया कि किडनी का साइज बढ़ने के कारण चलने-फिरने में दिक्कत होने के साथ ही पिछले एक साल से मेरा सामान्य जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया था। अब राहत मिल रही है।