सड़क बनी बेहतर तो बढ़ा ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा
भोपाल
सड़कों की बेहतर स्थिति ने लोगों का आवागमन सुगम किया है लेकिन ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा घटने की बजाय बढ़ रहा है। ऐसे में कलेक्टरों तथा पुलिस अधीक्षकों को सड़क सुरक्षा के लिए और अधिक गंभीरता से काम करने के निर्देश राज्य शासन ने दिए हैं। प्रदेश में वर्ष 2018 में दुर्घटनाओं में 10706 लोगों की जान गई थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 10774 तक पहुंच गई है। धार में सबसे अधिक 532 और सागर में 498 लोगों की जान एक्सीडेंट में गई है।
सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की पड़ताल के बाद गृह विभाग ने जो मुख्य कारण तलाशे हैं उसमें ओवर स्पीडिंग को बड़ी वजह बताया गया है। जिलों को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 51397 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थीं जिसमें 10706 की मृत्यु हुई और 54662 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में 87 प्रतिशत (9288) पुरुष और 13 प्रतिशत (1418) महिलाएं शामिल हैं। एनालिसिस में पाया गया कि सर्वाधिक 91 प्रतिशत घटना की वजह ओवर स्पीडिंग है। विपरीत दिशा से वाहन चलाने के मामले में 7 फीसदी घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा दो फीसदी घटना शराब पीकर और एक प्रतिशत मोबाइल फोन का उपयोग करते हए वाहन चलाने के दौरान हुई है। इसे देखते हुए पुलिस अफसरों को यह नसीहत दी गई है कि एफआईआर में ओवर स्पीडिंग में गति निर्धारण के तरीके और किस तरह की लापरवाही की गई है, इसका उल्लेख भी विवेचना के दौरान किया जाए।
रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु संख्या 16 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं शाम 6 से रात 9 बजे के बीच 35 प्रतिशत घटनाओं में 3723 मौतें दो पहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट नहीं पहनने के कारण हुई हैं। चार पहिया वाहनों के मामले में 22 प्रतिशत घटनाओं में 22150 लोगों की मौत सीट बेल्ट नहीं लगाए जाने के कारण होना पाई गई है। इसलिए चार पहिया वाहन चालकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।
जिन जिलों में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में अधिक एक्सीडेंट हुए हैं और पुलिस महकमे ने इस पर चिंता जताई है, उनमें श्योपुर में मृतकों की संख्या में 54.7 प्रतिशत, उमरिया में 44.3 प्रतिशत, बुरहानपुर में 41.5 प्रतिशत, दतिया में 33.7, पन्ना में 30.8, गुना में 25.7, शाजापुर में 26.6, छतरपुर में 15.8, अनूपपुर में 13.3 और सागर जिले में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि होना पाई गई है। इसमें यह बात भी सामने आई है कि सड़क दुर्घटना में 24 फीसदी मौतें नेशनल हाइवे, 30 फीसदी स्टेट हाइवे और 46 फीसदी अन्य सड़Þकों पर हुई घटनाओं में हुई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जो मौतें हुई हैं, उसमें से 71 फीसदी ग्रामीण इलाकों में और 29 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में हुई हैं। इसलिए ग्रामीण इलाकों में इसके लिए ज्यादा फोकस करने की जरूरत है और इसके लिए जनरक्षा हेलमेट बैंक योजना लागू की गई है जिसका पालन कराना जरूरी है। ओवर स्पीडिंग पर कंट्रोल के लिए सरकार की ओर से स्पीडगन, रडार और इंटरसेप्टर लगाए जाने तथा गोल्डन आॅवर के दौरान गुड सेमेरिटन के माध्यम से तत्काल चिकित्सा सुविधा दिलाकर होने वाल्ी मौतों पर नियंत्रण करने की बात कही गई है।