मोदी संग केमिस्ट्री पर रहेगी नजर, ट्रंप की यात्रा को अद्भुत और यादगार बनाने को भारत तैयार
नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली पूरी तरह तैयार है। राष्ट्रपति ट्रंप आज सुबह 11:40 बजे अहमदाबाद पहुंचेंगे। इसके बाद दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के ताकतवर नेता मोटेरा स्टेडियम में एक साथ विशाल जनसमुदाय को संबोधित करेंगे। यहां ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त बांडिंग देखने को मिलेगी।
दोनों नेताओं के संबोधन से ही सही मायने में यात्रा का मकसद साफ हो जाएगा। दोस्ती, रणनीतिक व सामरिक साझेदारी, आतंक के खिलाफ मोर्चेबंदी और व्यापार की दिशा पर समग्र बयान दिल्ली में होगा लेकिन इसकी झलक ट्रंप और मोदी के भाषणों में देखने को मिल सकती है।
देश की साझा विरासत से होंगे रूबरू
अद्भुत रोड शो, देशभर की सांस्कृतिक झलक, महात्मा गांधी का संदेश, सरदार पटेल की विशालकाय प्रतिमा का उल्लेख के साथ भारत और अमेरिका की नई पुरानी यादों का संगम यहां देखने को मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि अहमदाबाद के बाद आगरा में भी तैयारी ऐसी है कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रथम महिला मेलनिया ताज के यादगार पलों को अरसे तक न भुला पाएं। दिल्ली में भी राजपथ का पूरा इलाका खास मेहमान के आने की झलक देख रहा है।
दिल्ली की वार्ताओं पर रहेगी नजर
36 घंटे की यात्रा के आखिरी पड़ाव में देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति ट्रंप और उनका भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल आधिकारिक बातचीत और समझौतों की टेबल पर 25 फरवरी को बैठेगा तो दोनों देशों के संबंधों की नई दिशा साफ नजर आएगी। रक्षा, होमलैंड सिक्योरिटी, बौद्धिक संपदा, ऊर्जा और व्यापार के अलावा कई ऐसे मुद्दे प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के सामने आने वाले हैं जिनका पूरे क्षेत्र पर व्यापक असर होगा। खासतौर पर व्यापार और पाक प्रायोजित आतंकवाद पर राष्ट्रपति ट्रंप का रुख बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।
संवेदनशील मुद्दों पर भारत का दो टूक जवाब तैयार
कश्मीर और धार्मिक आजादी जैसे मुद्दों पर भारत ने अपनी संवेदनशीलता से अमेरिका को पहले ही अवगत करा दिया है। ऐसे में अगर ये मुद्दा उठता भी है तो भारत की ओर से दो टूक जवाब तैयार है।
भारत की बढ़ती ताकत को स्वीकार्यता
सूत्रों का कहना है कि यात्रा का लेन-देन या किसने क्या हासिल किया, इस हिसाब से आकलन करना है तो सबसे ज्यादा अहम ये होगा कि भारत की बढ़ती ताकत की स्वीकार्यता। अमेरिका ने लगातार इसको चिन्हित किया है। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच जबरदस्त समझ बढ़ी है। पुलवामा के बाद अमेरिका ने भारत का जिस तरह से साथ दिया है, उसे बहुत ही महत्वपूर्ण संकेत के रूप में समझा जा सकता है। तालिबान को लेकर भी भारत अपनी चिंताओं को अमेरिका के सामने जरूर रखेगा। भारत को उम्मीद है कि अमेरिका, भारत के हितों की अनदेखी नहीं करेगा।
जबरदस्त होती है प्रधानमंत्री मोदी की मेहमाननवाजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की यात्रा से पहले एक-एक चीज की जानकारी खुद हासिल की है। कहीं कोई कसर न रह जाए, इसका पूरा ख्याल उन्होंने रखा है। सूत्रों ने कहा प्रधानमंत्री मोदी का मेहमाननवाजी में कोई मुकाबला नहीं हो सकता। उन्हें निजी केमिस्ट्री बनाने और अपने कूटनीतिक कौशल से जटिल मुद्दों पर भी शीर्ष नेताओं को राजी कर लेना आता है। चीन, रूस जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी के मुरीद रहे हैं।