FATF: पाक नाकाम, ग्रे लिस्ट में ही रहेगा
नई दिल्ली
पाकिस्तान की तमाम तिकड़म और दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश नाकाम साबित हुई है और वह फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' में ही बना रहेगा। इस्लामाबाद को ताकीद की गई है कि अगर वह आतंकवाद समेत 25 पॉइंट वाले ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे 'ब्लैक लिस्ट' में डाल दिया जाएगा।
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान जून 2020 तक 'ग्रे लिस्ट' में बना रहेगा। पेरिस में हुई FATF की बैठक में पाकिस्तान साफ शब्दों में चेताया गया है अगर वह 27 पॉइंट वाली योजना लागू करने में असफल रहा तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
आतंकियों पर कार्रवाई में इमरान फेल
FATF की चिंताओं पर पाकिस्तान कार्रवाई करने में सफल नहीं रहा है, ऐसे में उसके लिए आने वाला समय काफी मुश्किलों भरा रहने वाला है। FATF ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के के तमाम कारोबारी रिश्ते और वित्तीय लेन-देन पर नजर रखने को कहा है। बता दें कि अक्टूबर 2019 में हुई बैठक में पाकिस्तान के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया गया था वह FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल ईरान के जैसा ही था।
इमरान ने पाक जनता से कर दिया था वादा
पाकिस्तान की इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी जनता से वादा किया था कि वह फरवरी में FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाएगा। चीन, मलयेशिया और तुर्की की मदद से पाकिस्तान 'ब्लैक लिस्ट' में जाने तो बच गया लेकिन उसे 'ग्रे लिस्ट' से बचने के लिए 13 देशों के समर्थन की दरकार थी, जो उसे नहीं मिला। पाकिस्तान ने 'ग्रे लिस्ट' से बचने के लिए पूरा तिकड़म लगाया और कई देशों ने उसके समर्थन में बोला भी। लेकिन तकनीकी ग्राउंड और सबूतों ने उसे बेदम कर दिया और FATF ने पाया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
पाक ने खूब चली थी चाल
FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने खूब चालें भी चलीं। उसने लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने बैठक में कहा कि ऐक्शन प्लान में शामिल पॉइंट के आधार पर उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की। हालांकि पाकिस्तान की तमाम चाल नाकाम रही और इमरान एवं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का नकाब सबके सामने उतर गया।
पाकिस्तान को सबूत दिखाने को कहा
पाकिस्तान को ऐंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने से जुड़ा सबूत दिखाने को कहा गया है। पाकिस्तान ने कहा कि अधिकारी इन मामलों में कार्रवाई कर रहा है।
पाकिस्तान ने दिए ये सबूत
पाकिस्तान ने सीमा पार से चलने करंसी हेरफेर पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। पाकिस्तान ने बताया कि उसने इनपर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
टेरर फंडिंग पर पाकिस्तान बोला..
पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी। पाकिस्तान ने बताया कि टेरर फंडिं करने वाले लोगों और गतिविधियों की पहचान की जा रही है। इसमें बड़े से बड़े लोगों और संस्था की जांच की जा रही है।
ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए पाक को यह करना होगा
पाकिस्तान को अब जून में FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए सभी 1267 वित्तीय संस्थानों और 1373 आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन लेना होगा। इस्लामाबाद को इन आंतकियों और संगठनों को टेरर फंड जुटाने से रोकना होगा साथ ही उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए उनकी संपत्तियों को भी जब्त करना होगा।
पाकिस्तान को बचाने में तुर्की, मलयेशिया भी रहे नाकाम
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलयेशिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी पर नाकाम रहे
क्या होता है FATF?
FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।