November 24, 2024

सामने आई नगरोटा हमले की साजिश, पुलवामा जैसी वारदात दोहराने का था प्लान

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श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में इस साल की शुरुआत में 31 जनवरी को कश्मीर में हुए नगरोटा एनकाउंटर में खूंखार आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JEM) की खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है. एनआईए ने चंडीगढ़ के जिस बीएससी के छात्र सुहैल जावेद लोन को पकड़ा था, वह जैश के प्लान ​बी का हिस्सा था और उसकी मदद से पुलवामा जैसा हमला दोहराने की साजिश रची गई थी जो कि फेल हो गई.

इतना ही नहीं, यह आतंकवादी संगठन अच्छी तरह से प्रशिक्षित और 'लड़ाई' के लिए तैयार खूंखार आतंकवादी भेज रहा है. इसके लिए यह सोशल मीडिया पर सक्रिय कट्टरपंथी युवाओं को उनकी प्रोफाइल के जरिए खोजकर उनकी भर्ती भी कर रहा है.

 सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने इस संगठन की मॉडस ऑपरेंडी का खुलासा करते हुए इसे तब नाकाम किया जब चंडीगढ़ में एक 20 वर्षीय बीएससी के छात्र सुहैल जावेद लोन की पहचान हुई.

नगरोटा हमले के बाद से ही सुहैल पर नजर

मूल रूप से बडगाम के वागर का निवासी इस युवक को जांचकर्ताओं की टीम ने उसे पकड़ा था. 11 फरवरी को वह बडगाम में अपने निवास स्थान पर वापस आया था. वह अंबाला में अपनी कोचिंग क्लास से वापस आया था. अच्छी तरह प्रशिक्षित यह लड़के दुनिया के सामने अपना राज खुलने नहीं दे रहे थे, क्योंकि ये जैश के प्लान बी का हिस्सा थे. नगरोटा हमले के बाद से ही सुहैल पर नजर रखी जा रही थी.

नगरोटा एनकाउंटर में हथियारों से लैस तीन खूंखार आतंकवादियों के मारे जाने के बाद सुहैल लिंक सामने आया था, जबकि पुलवामा में धमाका करने वाले आतंकी के चचेरे भाई समीर अहमद डार सहित तीन ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को मुठभेड़ स्थल से गिरफ्तार किया गया था.

सूत्रों ने बताया कि समीर एक ट्रक ड्राइवर और स्थानीय गाइड है जो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल कर रहा था, जिसकी मदद से वह इंटरनेट सेंसरशिप को चकमा दे सकता था.

वीपीएन पर मैसेज एक्सचेंज किया गया था

समीर को पाकिस्तान में जैश के मास्टरमाइंड और पाकिस्तानी कमांडर अबू हमजा और अबू बक्र से निर्देश मिल रहा था. इन दोनों के बारे में कहा जाता है कि ये पाकिस्तान के कराची, पीओके के कोटली मीरपुर, सियालकोट और लाहौर से आतंकवादी संगठन चला रहे हैं. वहां से ये लोग कश्मीर में मौजूद ओवरग्राउंड वर्कर्स के संपर्क में रहते हैं.

सूत्रों ने कहा कि जैश कमांडर अबू हमजा के निर्देश पर समीर ने 30-31 जनवरी की रात एक ट्रक में अपने दो सहयोगियों को सांबा सेक्टर के बसंतार नाला ले गया. वह पहले से तय पिकअप प्वॉइंट पर इंतजार करता रहा और वहां से कश्मीर घाटी की ओर गया. इस कार्य में समन्वय संपर्क के लिए वीपीएन पर मैसेज एक्सचेंज किया गया था. वहां पर वे तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों से मिले और फिर वहां से बन टोल की ओर गए.

हालांकि, जैश के आतंकियों को साथ लेने के बाद कमांडर अबू हमजा वीपीएन के ​जरिए समीर से 'प्लान बी' को लेकर संपर्क नहीं कर पाया. 4-5 किलो आरडीएक्स की विशेष खेप भेजी गई थी जो सांबा में भेजी जानी थी. सूत्रों ने कहा कि इस आरडीएक्स की खेप का इस्तेमाल पुलवामा जैसे हमले के लिए किया जाना था. पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को हमला सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी.

आरडीएक्स की खेप पहुंचाने का निर्देश

संपर्क न होने पर जैश कमांडरों ने सुहैल को अंबाला जाने को कहा ताकि वह समीर से स्थानीय संपर्क कर सके. यहीं पर उनके बीच की कड़ी सामने आ गई. समीर ने निर्देश का पालन किया और अंबाला पहुंचा. समीर ने सुहैल को बताया कि वह आरडीएक्स की खेप वहां छोड़ना भूल गया. इसके बाद सुहैल ने उसे निर्देश दिया कि खेप पहुंचाओ और सूचित करो. समीर ट्रक से आरडीएक्स ले गया, उसे एक पत्थर के नीचे ​छुपाया और पत्थर पर लाल रस्सी बांध दी. इसके बाद फोटो लेकर एक पाकिस्तानी नंबर पर भेजी.

डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया, 'हमें इस बारे में जानकारी थी कि एंटी नेशनल तत्व वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं. नगरोटा केस में एक आरोपी ने वहां से फोटो लेकर इसे मास्टरमाइंड को भेजी थी.' उन्होंने कहा, लेकिन वह पकड़ा गया. पूरे मॉड्यूल को बन टोल प्लाजा पर पकड़ लिया गया.

सूत्रों का कहना है कि सुहैल लंबे समय से जैश के संपर्क में था. उसकी प्रोफाइल पर लंबे समय तक नजर रखने पर यह बात सामने आई. जैश ने उससे फेसबुक पर संपर्क किया था और संपर्क में थे. जब हमने इस बात की तस्दीक कर ली तो इस साजिश को नाकाम कर दिया गया. कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदी के बाद सुहैल जैश का ओवरग्राउंड वर्कर था जो चंडीगढ़ से काम कर रहा था. उसने दिसंबर में व्हाट्सएप कॉल के जरिए पाकिस्तान में अपने हैंडलर से संपर्क किया था. सूत्रों का कहना है कि जैश हिज्बुल की स्थानीय मदद से ऑनलाइन भर्तियां कर रहा है.

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