धान खरीदी केंद्र में लगा ताला, बारदाने की कमी से भटकने को मजबूर है किसान
सुकमा
वैसे तो धान खरीदी (Paddy Purchase) की अंतिम तारीख 20 फरवरी है लेकिन अघोषित खरीदी पहले ही हो चुकी है. जिला मुख्यालय के कई उपार्जन केन्द्र में ताले लटके हुए है. मंडी का मुख्य द्वार होने की वजह से किसान (Farmer) ट्रैक्टरों में अपना धान लेकर भटक रहे हैं. तो वहीं कुछ किसान टोकन लेकर धान बेचने पहुंचे तो थे लेकिन यहां भी बारदाना की कमी के कारण धान खरीदा नहीं हुई. लिहाजा किसान अब काफी परेशान हो रहे हैं. वही कुछ जगहों पर पिछले एक सप्ताह से बारदाना नहीं है, जिसके कारण किसान कई दिनों से लाइन लगाकर बैठे हैं, इसी उम्मीद के साथ कि हमारा धान खरीदा जाएगा. वहीं कुछ किसानों को ट्रैक्टर का किराया देना है उसकी चिंता अलग से सता रही है. किसानों का कहना है कि सरकार ना तो खुद धान खरीद रही है और ना हमे बाजार में बेचने दे रही है.
जिले में धान खरीदी को लेकर किसान काफी परेशान हैं. आलम यह है कि पिछले कई दिनों से बारदाना के अभाव में किसान उपार्जन केन्द्रों के सामने ही बैठा हैं. यहां तक कि जिला मुख्यालय स्थित उपार्जन केन्द्र में ताला लगा हुआ है. इस वजह से किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि सरकार धान ना तो खुद खरीद रही है और ना ही हमे बाजार में बेचने दे रही है. क्योंकि पिछले कई दिनों से किसान यहां धान लेकर आए हैं. हर दिन ट्रैक्टर का किराया भी देना पड़ रहा है. भले ही सरकार ने धान खरीदी बंद करने की तिथि बढ़ाकर 20 फरवरी कर दी हो लेकिन जिले के मुख्य उपार्जन केन्द्र में लगे ताले और बारदाना के अभाव में खरीदी बंद किसी अघोषित बंद से कम नहीं है.
किसान रामधन का कहना है कि उसने टोकन कटा लिया था. उसके बाद ट्रैक्टर किराए कर धान लेकन जिला मुख्यालय स्थिति उपार्जन केन्द्र पहुंचा. लेकिन यहां पर मुख्य द्वार बंद है. वहां के कर्मचारियों से बात करने पर बताया कि साहब ने मना किया है. तो वहीं किसान देवा का कहना है कि 14 तारीख से धान लेकर आए हैं. लेकिन यहां आने पर पता चलता है कि बारदाना नहीं है , तो कभी यहां के मुख्य अधिकारी नहीं है। हररोज घर और खेत का काम छोड़कर आने में काफी परेशानी होती है.
मीडिया से बातचीत करते हुए जिला खाद्य अधिकारी केआर पिस्दा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अब तक 3 लाख 9 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई है. जबकि मात्र 1 लाख 22 हजार क्विंटल धान का उठाव हुआ है. वहीं जिलेभर में 7 केन्द्रों में बारदाने की कमी है और 187 किसानों के टोकन कटे हुए है. साथ ही उपार्जन केन्द्र क्यों बद है, इसकी जानकारी ली जाएगी.