मध्य प्रदेश में कुछ खेलों को शामिल करने के लिए एक साल पिछड़ गए खेल पुरस्कार
भोपाल
खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों (players) को हर साल खेल अवॉर्ड (Sports award) दिए जाते हैं. ये समारोह हॉकी के जादुगर ध्यानचंद (Dhyanchand) के जन्मदिन 29 अगस्त को होता है. लेकिन बीते साल 2019 में खेल समारोह होते होते रह गया.सिर्फ इसलिए कि कुछ और खेल इन पुरस्कारों की सूची में शामिल किए जाने हैं.
मध्य प्रदेश में खेल पुरस्कार पूरे एक साल पीछे खिसक गए हैं.साल 2019 के खिलाड़ी पुरस्कार का इंतजार करते ही रह गए.दरअसल इस साल मध्य प्रदेश की दो महिला खिलाड़ियों ने माउंट एवरेस्ट फतह किया. उसके बाद खेल अवॉर्ड में पर्वतारोहण को भी शामिल करने का फैसला किया. पर्वातारोहण के साथ तीन-चार और खेल शामिल किए जाना हैं. लेकिन काम पूरा नहीं हुआ तो सरकार ने खेल पुरस्कारों की घोषणा ही टाल दी.
मध्यप्रदेश की दो पर्वतारोही भावना डेहरिया औऱ मेघा परमार ने 2019 में माउंट एवरेस्ट फतह की. इन दोनों की हौसलाअफज़ाई खुद मुख्यमंत्री ने की और मंत्रालय में मुलाकात के लिए बुलाया, साथ ही दोनों को खेल पुरस्कार देने की बात कही थी. मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन के बाद पर्वतारोहण को भी खेल पुरस्कार में शामिल करने का प्रस्ताव है. इसमें देर होने पर खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, बात खिलाड़ी की नहीं खेल की है. कुछ खेल अगर छूट जाते हैं तो आप खिलाड़ियों के साथ न्याय नहीं करते हैं.तीन से चार खेलों को पुरस्कार की सूची में जोड़ने के लिए कहा गया है.हम पिछली सरकार की गलती को सुधार रहे हैं. खेल अवॉर्ड तय तारीख पर होते हैं. प्रस्ताव भेजने में देर हुई इसलिए खेल पुरस्कारों की घोषणा भी नहीं हो पायी.
फिलहाल मध्य प्रदेश के खेल अवॉर्ड में 28 खेल शामिल हैं. इन खेलों के लिए खिलाड़ियों औऱ कोच को पुरस्कार दिया जाता है. 15खिलाड़ियों को एकलव्य, 10 खिलाड़ियों को विक्रम अवॉर्ड दिया जाता है..खेल के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए एक खेल हस्ती को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया जाता है.खेल में विशेष योगदान के लिए विश्वामित्र अवॉर्ड, मलखंभ के लिए स्व.प्रभाष जोशी पुरस्कार और कोच को विश्वामित्र अवॉर्ड दिया जाता है. साल 2018 में कोच के योगदान को देखते हुए एक की जगह तीन कोच को पुरस्कार दिया गया था. विक्रम अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों को विभाग सरकारी नौकरी भी देता है.