प्रशासन मंत्री के बयान पर शुरू हुआ सियासी घमासान, बयानबाजी का दौर शुरू
भोपाल
तीर्थ दर्शन योजना (Teerth Darshan Scheme) को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दो मंत्रियों में दो फाड़ हो गया है. एक तरफ आध्यात्म विभाग के मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) हैं, जिन्होंने बीजेपी (BJP) के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में तीर्थ दर्शन योजना बंद नहीं होगी . वहीं दूसरी तरफ, सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) हैं. उनका कहना है कि वह व्यक्तिगत तौर पर इस योजना के पक्ष में नहीं हैं. इस योजना में गरीबों के बजाए सूट-बूट वाले फायदा उठा रहे हैं.
गोविंद सिंह की मानें तो तीर्थ दर्शन योजना पर खर्च होने वाला पैसा युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिए. इतना ही नहीं, डॉ. गोविंद सिंह ने यह भी कहा कि तीर्थ दर्शन अपनी मेहनत से करना चाहिए. सरकारी खर्चे पर यात्रा करने वालों को भगवान आशीर्वाद नहीं देते हैं. उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले भी सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह का तीर्थ दर्शन योजना को लेकर इसी तरह का बयान सामने आया था . जिसके बाद, बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया था कि सरकार तीर्थ दर्शन योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है .
डॉ. गोविंद सिंह के बयानों पर जब आध्यात्म विभाग के मंत्री पी सी शर्मा से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ करते हुए कहा कि तीर्थ दर्शन योजना को बंद नहीं किया जाएगा. जल्द ही तीर्थ दर्शन पर जाने वाली ट्रेनों का शिड्यूल जारी किया जाएगा. तीर्थ दर्शन योजना को जारी रखने वाले पी सी शर्मा के बयान पर जब मंत्री डॉ गोविंद सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि वो व्यक्तिगत तौर पर इस योजना के पक्ष में नहीं shivहैं .
कमलनाथ सरकार के दो मंत्रियों में तीर्थ दर्शन योजना को लेकर उभरे मतभेद के बीच बीजेपी को बोलने का मौका मिल गया है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवाना पवित्र काम है. कांग्रेस को हर अच्छे काम बंद करना है. शिवराज सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि कांग्रेस वाले क्या भावनात्मक संबंधों को समझेंगे. बीजेपी ने सरकार पर योजना के तहत आने वाले खर्च का भुगतान आईआरसीटीसी को न किए जाने के आरोप भी लगाए हैं.क्या है तीर्थ दर्शन योजना ?
तीर्थ दर्शन योजना मध्य प्रदेश में 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने की योजना है. योजना के तहत बुजुर्ग के साथ एक सहयोगी के जाने को भी अनुमति मिलती है. पति-पत्नी साथ भी योजना के तहत तीर्थ दर्शन के लिए जा सकते हैं . यात्रा पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है, जिसमें तीर्थ यात्रियों के खाने-पीने और रुकने तक की व्यवस्था शामिल है . अलग-अलग तीर्थ स्थलों के लिए वक्त-वक्त पर ट्रेनों को रवाना किया जाता है .