शिवसेना MP का संसद में 2 बच्चा नीति प्रस्ताव
नई दिल्ली
शिवसेना सांसद की ओर से संसद में लाए गए एक प्रस्ताव से जनसंख्या पर बहस तेज होने के साथ ही राजनीतिक उठापटक भी हो सकती है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने '2 बच्चे नीति' को प्रोत्साहित करने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है, जिसपर बजट सत्र के दूसरे हिस्से में चर्चा हो सकती है।
हालांकि, प्राइवेट मेंबर बिल चर्चा से आगे बहुत कम ही बढ़ पाते हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी का इस बिल पर रुख क्या होगा। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर गठबंधन में टकराव हो सकता है, क्योंकि इस तरह के कानून की मांग को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया जाता है।
देसाई ने संविधान में संशोधन के जरिए परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखने वालों को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा है। सांसद ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उच्च सदन में वह यह बिल महाराष्ट्र के सीएम और पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे की सहमति से लेकर आए हैं।
हालांकि उन्होंने दोहराया कि बिल अभी शुरुआती स्तर पर है और गठबंधन सहयोगियों की इच्छा के खिलाफ जाने का सवाल नहीं है, क्योंकि प्रस्ताव इस नीति का पालन करने वालों को प्रोत्साहित करने का है, जबरन मनवाने का नहीं। हालांकि, बिल में यह भी कहा गया है कि जो इस नीति का पालन नहीं करते उनसे सुविधाएं वापस ले ली जाएं।
देसाई ने कहा, 'यह केवल एक विचार है, जिसे मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरेजी के साथ साझा किया था। वह विचार से सहमत थे। गठबंधन सहयोगियों के साथ मतभेद का कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि बिल केवल पेश किया गया है।' उन्होंने कहा कि इस बिल को जनसंख्या विस्फोट को ध्यान में रखकर लाया गया। इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता है और देश में डेमोग्राफिक बदलाव को ध्यान में रखकर लागू किया जाए।
देसाई ने संविधान संशोधन के जरिए अनुच्छेद 47A जोड़ने की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने की दृष्टि से राज्य छोटे परिवार को बढ़ावा दें। जो लोग अपने परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखते हैं उन्हें टैक्स, रोजगार और शिक्षा आदि में प्रोत्साहन देकर बढ़ावा दिया जाए और जो लोग इस नीति का पालन ना करें उनसे सभी तरह की छूट वापस ले ली जाए।
गौरतलब है कि जनसंख्या नियंत्रण बीजेपी के लिए एक अहम अजेंडा रहा है। आरएसएस और इसके चीफ मोहन भागवत ने भी हाल ही में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिया है। पीएम मोदी भी कुछ मौकों पर कह चुके हैं कि देश में इस पर चर्चा होनी चाहिए।