प्रदेश सरकार अब गाय गोद लेने की योजना भी ला रही
भोपाल
मध्य प्रदेश में 3 हजार और नई गौशालाएं खोली जाएंगी. कमलनाथ सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना है. इसमें वो आम लोगों का सहयोग भी लेगी. इसी के साथ सरकार गाय गोद लेने की योजना भी ला रही है. इसमें कोई भी व्यक्ति, संस्था या NRI शख्स गाय गोद ले सकता है. बस इसके लिए थोड़ा पैसा गौशालाओं के पास जमा कराना होगा.
नई गौशालाएं बनेंगी
कमलनाथ सरकार का गौ प्रेम फिर सामने आया है. सरकार ने सूबे में 3 हजार नई गौशालाएं बनाने की तैयारी की है. ये गौशालाएं बीते साल फिक्स किए गए एक हजार गौशालाओं के टारगेट से अलग होंगी. पशुपालन मंत्री लाखन सिंह के मुताबिक सरकार ने इस साल 3 हजार नई गौशालाएं बनाने का लक्ष्य रखा है. इस सिलसिले में सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिलों में आम लोगों के सहयोग से अगले 6 महीने में ये गौशालाएं बनाने का लक्ष्य है. सरकार का इरादा गौशालाओं के लिए राजस्व और वन विभाग की भूमि के इस्तेमाल का भी है. इसके लिए इन विभागों के साथ भी बातचीत की जाएगी.
कांग्रेस के वचन पत्र में था वादा
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में 2019 दिसंबर तक एक हजार गौशालाएं बनाने का वादा किया था. इसके तहत सभी पंचायतों में कम से कम एक पंचायत खोलने का इरादा था. अब सरकार ने उससे आगे बढ़ते हुए तीन हजार नई गौशालाएं खोलने की तैयारी की है. इस अभियान में सरकार आम लोगों का भी सहयोग लेगी.
बीजेपी का वार, पशुपालन मंत्री का पलटवार
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह ने बीजेपी के उन आरोपों पर भी पलटवार किया है, जिसमें गौशालाओं की संख्या को लेकर सवाल उठाए गए थे. बीजेपी का आरोप था कि सरकार केवल दिखाने के लिए गौशालाओं की संख्या बढ़ा रही है, जबकि जमीनी हकीकत ये है कि आज भी गायों के लिए गौशालाओं में जगह नहीं है. पशुपालन मंत्री ने इसका जवाब दिया कि बीजेपी को आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.
गौशालाएं बनाई थीं.गाय गोद लेने की योजना
सरकार गौशालाओं के अलावा गायों की सुरक्षा के लिए नई योजना लाने पर भी काम कर रही है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति गाय को गोद ले सकेगा और उसकी देखभाल से लेकर चारे तक का खर्चा उठाएगा. कोई भी कंपनी या व्यक्ति, संस्था गाय को गोद ले सकता है. एनआरआई भी गाय को गोद ले सकेंगे, बस इसके लिए गौशालाओं को एक निश्चित पैसा उन्हें देना होगा. 15 दिन से लेकर आजीवन गाय गोद लेने की योजना होगी. आजीवन गोद के लिए 3 लाख, एक साल के लिए 21 हजार रुपए, एक महीने के लिए 2100 रुपए और 15 दिन के लिए 1100 रुपए देने होंगे.