हत्याकांड के आरोप से बरी हुए पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य
भोपाल
कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य को बड़ी राहत मिली है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक विशेष कोर्ट ने सबूतों के अभाव पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को बरी कर दिया है।आर्य बीजेपी सरकार में आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री थे।यह केस 2009 से कोर्ट में चल रहा था।
बीते साल आर्य ने भोपाल ज़िला अदालत में सरेंडर कर दिया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें तत्काल ही जम़ानत दे दी, उन्हें एक लाख के मुचलके पर रिहा किया गया था। हालांकि पुलिस से लेकर सीबीआई तक उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है, लेकिन अदालत ने आर्य को आरोपी बनाया था।विशेष अदालत ने मामले में लाल सिंह आर्य को समन जारी किया था। हत्या के मामले में कोर्ट में 6 बार जमानती वारंट पर पेश नहीं होने पर मंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ 7वीं बार में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। कोर्ट में अपील करने के बाद आर्य को आरोपी बनाकर मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसके बाद उन्हें आज सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
ये है मामला…
मालूम हो विधायक माखनलाल जाटव की गोहद के छरेंटा गांव में 13 अप्रैल 2009 को रात करीब 8 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वे कांग्रेसी प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद के समर्थन में हुई सभा से लौट रहे थे। इस मामले में गार्ड की रिपोर्ट पर नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेरसिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम सेठी कौरव सहित अन्य को आरोपी बनाया था। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी और कोर्ट के आदेश पर पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य को भी प्रकरण में आरोपी बनाने के आदेश दिए गए थे।स्वर्गीय विधायक माखनलाल जाटव के बेटे रणवीर सिंह जाटव ने विशेष अदालत में आवेदन दिया था कि उनके पिता की हत्या के मामले में मंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाया जाए, क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथ छिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात आठ बजे उनके पिता की हत्या करवाई थी।