कांग्रेस ने पूछा- मॉब लिंचिंग की घटना में बीजेपी नेताओं के नाम ही क्यों आते हैं?
भोपाल
धार मॉब लिंचिंग (mob lynching) केस में कांग्रेस ने बीजेपी पर उंगली उठाई है.मध्य प्रदेश (madhya pradesh) कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने सवाल किया कि हर मॉब लिंचिंग की घटना में बीजेपी नेताओं (bjp leaders) के नाम ही क्यों सामने आते हैं.
शोभा ओझा ने कहा मनावर में किसानों पर हुई हिंसक हमले की घटना से पूरा प्रदेश दुखी और आहत है. घटना की गंभीरता को समझते हुए सीएम कमलनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में ऐसी घटनाएं अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. प्रदेश सरकार ने मृतक किसान के परिवार को 2 लाख की आर्थिक सहायता तत्काल देते हुए घायलों के बेहतर इलाज की सारी व्यवस्था के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा भीड़ द्वारा की गई हिंसक घटना से चिंतित भाजपा के नेता यह नहीं बता रहे हैं कि ऊना, दादरी अलवर और झारखंड जैसी सैकड़ों घटनाओं में हुई मौत के वक्त उनकी संवेदनशीलता और मुखरता कहां चली गई थी. भाजपा नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि जब सुप्रीम कोर्ट ने भीड़तंत्र पर सख्त कानून बनाने के निर्देश केंद्र सरकार को 2018 में दिए थे तब वह कानून मोदी सरकार ने क्यों नहीं बनाया. जब राजस्थान और मध्य प्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकारों ने भीड़ तंत्र के खिलाफ कानून बनाया तो भाजपा ने उस कानून का जमकर विरोध क्यों किया था.
शोभा ओझा ने यह भी कहा कि यह भाजपा के लिए राजनीति का नहीं शर्म का विषय होना चाहिए कि अधिकांश मॉब लीचिंग की घटना में बीजेपी से जुड़े लोगों के ही नाम अब तक सामने आते रहे. मनावर की घटना में भी बीजेपी नेता और ग्राम बोरलाई के सरपंच रमेश जूनापानी का नाम ही सामने आया है. इस घटना के बाद शिवराज सिंह और भाजपा की कथनी और करनी का अंतर तो स्पष्ट हुआ ही है और उनका असली चाल चरित्र चेहरा भी जनता के सामने उजागर हुआ है.