धार मॉब लिंचिंग केस में अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार,टीआई सहित 5 पुलिस वाले सस्पेंड
इंदौर
धार जिले में हिंसक हुई भीड़ का शिकार हुए किसान जगदीश शर्मा ने कहा है कि खिड़किया पहुंचने पर हम पर लोगों ने पथराव किया। जब हम वहां से निकले तो लोगों ने गांव बोरलाई में बच्चा चोर की अफवाह फैला दी। हमारी कार को आग लगा दी गई और हमें भी जलाने की कोशिश की गई। जगदीश ने कहा कि हमने तिरला थाने पर सूचना दी थी। घटना के बाद एसपी आदित्य सिंह ने टीआई युवराज सिंह, एएसआई नंदलाल, सलोने, आरक्षक चंद्रप्रकाश, नवल सिंह और राघवेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
बुधवार को हुई घटना के बाद सरकार ने दोषी लोगों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर मंत्री जीतू पटवारी इस घटना में जान गंवाने वाले उज्जैन जिले मनोज पटेल के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने इंदौर में भर्ती घायलों से मुलाकात की और दोषी लोगों पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया। उधर मंत्री तुलसी सिलावट ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अफसरों को कार्यवाही के लिए कहा है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि इस घटना को लेकर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। माब लिंचिंग रोकने के लिए गृहमंत्री से चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि धार जिले में हुई इस घटना में कार चालक गणेश पिता मनोज पटेल की मौत हो गई थी जबकि जगदीश राधेश्याम शर्मा, नरेंद्र सुंदरलाल शर्मा, विनोद तुलसीराम मुकाती, रवि शंकरलाल पटेल, जगदीश पूनमचंद शर्मा गंभीर हैं जिनका इंदौर में उपचार चल रहा है।
पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि गांव वाले हमें जिंदा जलाना चाहते थे। दूसरी ओर कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने बताया कि घटना के बाद नामजद चार-पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा बीस-पच्चीस आरोपी अभी अज्ञात हैं। सभी के विरुद्ध धारा 302, 307, बलवा की धाराओं पर केस दर्ज है। पांच घायलों का इलाज इंदौर के चोइथराम अस्पताल में चल रहा है जबकि एक की छुट्टी हो गई है। बनोठ ने कहा कि घटना के शिकार लोग बड़े काश्तकार हैं और नया सवेरा स्कीम के दायरे में नहीं आते हैं। इसलिए इन्हें सीएम स्वेच्छानुदान से आर्थिक सहायता दी जा रही है। दो लोग इंदौर के रहने वाले है जबकि बाकी उज्जैन के हैं। इसलिए वहां के कलेक्टर इस मामले में कार्यवाही कर रहे हैं। मृतक के परिजनों को चार लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।