November 26, 2024

अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी शरजील के खिलाफ देशद्रोह का केस

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गुवाहाटी

असम के बाद शरजील इमाम पर रविवार (26 जनवरी) को अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट करते हुए कहा, "इस तरह का भड़काऊ बयान जिसमें भारत के बाकी हिस्सों से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को अलग करने की बात कही गई है, से सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करना, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में बाधा डालना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

 

ईटानगर की अपराध शाखा ने शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह और धर्म, जाति, भाषा व जन्म के आधार पर द्वेष फैलाने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) और 153 (ए) के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले शनिवार को असम और रविवार को दिल्ली में भी शरजील इमाम के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है। 

 

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने ट्वीट किया, "आपत्तिजनक वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जिसमें इमाम ने देश के बाकी हिस्सों से उत्तर-पूर्व को अलग करने की धमकी दी है, मणिपुर पुलिस ने उसके (इमान) के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत राजद्रोह का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है।"

 

दिल्ली में भी दर्ज हुआ है केस

दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए कार्यकर्ता शरजील इमाम पर संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रविवार (26 जनवरी) को मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी और जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील ने ''सीएए और एनआरसी" के विरोध में काफी उकसाऊ और भड़काने वाले भाषण दिए।

 

उन्होंने कहा, ''उसने पिछले साल 13 दिसंबर को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी ऐसा ही भाषण दिया था और इसके बाद सरकार के खिलाफ उकसावे वाला एक और भाषण दिया जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चल रहा है।" पुलिस ने बताया कि इन भाषणों से धार्मिक सौहार्द्रता और भारत की एकता एवं अखंडता के नुकसान पहुंचाने की संभावना है जिसके लिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इमाम के खिलाफ भादंसं की धारा 124 ए, 153ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

अलीगढ़ और असम में भी केस

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में 16 जनवरी को दिए भाषण के लिए इमाम के खिलाफ शनिवार (25 जनवरी) को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। असम पुलिस ने भी उसके भाषण को लेकर उसके खिलाफ उग्रवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की है।

 

16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है…अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।

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