‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी, ‘Can Do’ का संकल्प बनता हुआ उभर रहा है
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (26 जनवरी) को कहा कि नए-नए विषयों पर चर्चा करने, देशवासियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने, साथ मिलकर सीखने और आगे बढ़ने के लिए 'मन की बात' कार्यक्रम एक सहज-सरल मंच बन गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, "स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति जन भागीदारी बढ़ी है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की भी सराहना करते हुए उन्होंने राजस्थान और अल्मोड़ा में जल संरक्षण के लिए किए गए कार्यों का उदाहरण दिया। 'मन की बात' का यह 61वां एपिसोड है। ऐसा पहली बार है जब गणतंत्र दिवस आयोजन के चलते उनके कार्यक्रम 'मन की बात' का समय शाम को किया गया है। आमतौर पर 'मन की बात' कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह ग्यारह बजे आता है।
PM Modi के 'मन की बात' के खास अंश
* आज 26 जनवरी है | गणतंत्र पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनायें | 2020 का ये प्रथम ‘मन की बात’ का मिलन है | इस वर्ष का भी यह पहला कार्यक्रम है, इस दशक का भी यह पहला कार्यक्रम है।
* इस बार ‘गणतंत्र दिवस’ समारोह की वजह से आपसे ‘मन की बात’, उसके समय में परिवर्तन करना, उचित लगा | और इसीलिए, एक अलग समय तय करके आज आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूँ।
* दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन, भारत के लोगों का उत्साह और हम भी कुछ कम नहीं हैं, हम भी कुछ करके रहेंगे | ‘Can do’…ये ‘Can do’ का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।
* देश और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना, हर दिन, पहले से अधिक मजबूत होती जाती है।
* ‘मन की बात’ – sharing, learning और growing together का एक अच्छा और सहज platform बन गया है | हर महीने हज़ारों की संख्या में लोग, अपने सुझाव, अपने प्रयास, अपने अनुभव share करते हैं। उनमें से, समाज को प्रेरणा मिले, ऐसी कुछ बातों, लोगों के असाधारण प्रयासों पर हमें चर्चा करने का अवसर मिलता है।
* किसी ने करके दिखाया है – तो क्या हम भी कर सकते हैं ? क्या उस प्रयोग को पूरे देश-भर में दोहराकर एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं? ऐसे ही हर महीने ‘मन की बात’ में, कुछ अपील , कुछ आह्वाहन, कुछ कर दिखाने के संकल्पों का सिलसिला चल पड़ता है।
* No to single use plastic, खादी, स्थानीय खरीद को महत्त्व, बेटियों का सम्मान, स्वच्छता, Cashless Economy जैसे ढ़ेर सारे संकल्पों का जन्म हमारी इन हल्की-फुल्की मन की बातों से हुआ है।
* प्रधानमंत्री ने दिल्ली में कार्यरत बिहार के शैलेश के मन की बात कार्यक्रम के प्रति लगाव, उनके विभिन्न कार्यों-संकल्पों के लिये अलग-अलग हैशटैग आदि के प्रयोग और प्रयास की चर्चा और सराहना की।
* जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारत वर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ाता है, इसीलिए चरैवेति-चरैवेति-चरैवेति, चलते रहो-चलते रहो-चलते रहो का मन्त्र लिए,अपने प्रयास, करते रहें।
* स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति जन भागीदारी बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की सराहना की ।उन्होंने राजस्थान और अल्मोड़ा में जल संरक्षण के लिए किये गए कार्यों का उदाहरण दिया।
* प्रधानमंत्री ने देशवासियों से जल-संचय और जल संरक्षण पर स्वयं से किये गए या अपने आसपास हो रहे प्रयासों की कहानियाँ, फोटो, वीडियो आदि #jalshakti4India पर साझा करने का आग्रह किया।