शिक्षा विभाग की उदासीनता, मूलभूत सुविधाओं को तरसते सरकारी विद्यालय
ग्वालियर
प्रदेश भर में 67902 सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जो मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। एक तरफ प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों को बिजली बेच रही हैं,वहीं इन स्कूलों में अधेरा छाया हुआ है। शिक्षा विभाग के आला अफसरों की उदासीनता के चलते विद्यालयों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। विद्युत विहीन विद्यालयों में अधिकांश ग्रामीण इलाकों के बताए गए हैं।
आजादी के सत्तर साल बाद भी आधा लाख से अधिक शासकीय विद्यालयों में बिजली गुल है। इसको लेकर प्रदेश सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में राज्य शिक्षा केन्द्र ने विद्यतु विहीन विद्यालयों की सूची जारी की है। इसी से खुलासा हुआ है कि मूलभूत सुविधाओं में आने वाली बिजली के लिए बड़ी संख्या में विद्यालय तरस रहे हैं। इन विद्यालयों की मप्र शासन के शिक्षा विभाग ने अब जाकर सुध लेना शुरू किया है। इसके तहत विद्युत विहीन विद्यालयों में से17 हजार विद्यालयों में बिजली पहुंचाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिनमें एक परिसर में चलने वाले प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 12624 है।
वहीं 4430 माध्यमिक स्तर के विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में बिजली कनेक्शन के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने चार करोड़ अड़तीस लाख सरसठ हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया है। इसमें से अलग-अलग राशि जिला परियोजना समन्वयकों के खातों में जारी की गई है। इस राशि से चयनित किए गए विद्यालयों में बिजली कनेक्शन लगवाने के निर्देश दिए गए हैं। इनके बाद अन्य विद्यालयों में बिजली पहुंचाने की कवायद की जा सकती है।