अब दस्तावेज की मांग की, फांसी टलवाने के लिए सभी हथकंडे आजमा रहे निर्भया के गुनहगार
नई दिल्ली
निर्भया केस के गुनहगार फांसी से बचने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा, लेकिन वे फांसी से बचने के लिए हर कानूनी तिकड़म आजमा रहे हैं। अब इस मामले के तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ठाकुर के वकील एपी सिंह ने दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है। सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने अब तक उन्हें संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं। पाटियाला हाउस कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होनी है।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक और ने दया के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास याचिका देने की इच्छा जताई है। दोषी विनय शर्मा चाहता है कि दया याचिका के साथ उसकी 170 पन्नों वाली एक पर्सनल डायरी भी अथॉरिटीज तक भिजवाई जाए। इस डायरी का जिक्र उस अर्जी में किया गया है जो शुक्रवार को बचाव पक्ष के वकील की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की गई। इसमें वकील ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर दोषी की डायरी और अन्य दस्तावेज देने में देरी का आरोप लगाया और दावा किया कि इस वजह से वह दोषी की दया याचिका दायर नहीं कर पा रहे हैं।
ताजा मामले में वकील ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि जेल प्रशासन को कागजात प्रदान कराने संबंधी निर्देश जारी किए जाएं, जिससे वह फांसी की सजा पाए दोषियों को शेष कानूनी विकल्प (उपचारात्मक याचिका और दया याचिका) उपलब्ध करा सके। सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष दायर की गई अपनी याचिका में विनय शर्मा की दया याचिका दायर करने और विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता व अक्षय कुमार सिंह के लिए दस्तावेजों के अनुरोध के संबंध में अदालत के तत्काल आदेशों की मांग की।
आवेदन में कहा गया, ‘कई अनुरोधों के बावजूद विनय शर्मा को दोषी ठहराने से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। अब दोषियों पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के लिए इसी तरह के दस्तावेज संबंधित जेलों के अधीक्षकों से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाने चाहिए।’ अदालत ने हाल ही में दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया था और उन्हें एक फरवरी को फांसी दिए जाने की तारीख तय की थी।
फिर टलेगी फांसी की तारीख?
अदालत के आदेश के अनुसार चारों दोषियों को एक फरवरी की सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है। पर इससे पहले विनय की ओर से दया याचिका दायर कर दी जाती है तो फांसी की तारीख का आगे बढ़ना तय है। मुकेश सिंह (32) नाम के दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज होने के बाद फांसी की यह नई तारीख तय की गई थी। इससे पहले दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए 22 जनवरी का डेथ वॉरंट जारी हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में विनय की सुधारात्मक याचिका खारिज की है। पवन और अक्षय के पास अभी यह विकल्प बचा हुआ है।
आखिरी इच्छा पर साधी चुप्पी
इधर, तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, ‘अदालत से डेथ वॉरंट जारी होने के बाद जो कानूनी प्रक्रिया अमल में लानी चाहिए, हम वह सब अपना रहे हैं। इसी के तहत चारों मुजरिमों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी अंतिम इच्छा भी कुछ दिन पहले पूछी थी। अभी तक चार में से किसी ने भी कोई जबाब नहीं दिया है। जेल प्रशासन ने चारों मुजरिमों से पूछा था कि डेथ वॉरंट अमल में लाए जाने से पहले वे किससे किस दिन किस वक्त जेल में मिलना चाहेंगे? संबंधित के नाम, पते और संपर्क-नंबर यदि कोई हो तो लिखित में जेल प्रशासन को सूचित कर दें।’
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इसमें छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है। वहीं चार अन्य दोषियों को निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है।