निर्भया की मां ने दोषियों को फांसी देने की मांग का समर्थन करने के लिए कंगना का जताया आभार
नई दिल्ली
निर्भया के दोषियों पर अभिनेत्री कंगना रनौत ने चौराहे पर फांसी देने की मांग की है। अब निर्भया की मां ने भी कंगना के बयान से सहमति जताते हुए कहा कि वह अपनी बेटी के इंसाफ के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने कंगना से मिले समर्थन के लिए उनका आभार भी जताया। कंगना ने फांसी की सजा का समर्थन करते हुए वकील इंदिरा जयसिंह की भी सख्त शब्दों में आलोचना की थी।
समर्थन के लिए कंगना का जताया आभार
निर्भया की मां ने कंगना का आभार जताते हुए कहा, 'मैं कंगना रनौत के बयान से सहमत हूं और उनका धन्यवाद करती हूं। मैं किसी की तरह महान नहीं बनना चाहती। मैं एक मां हूं और सात साल पहले मेरी बेटी की जान गई है और मैं इंसाफ चाहती हूं।' इससे पहले भी निर्भया के दोषियों की माफी की सजा माफ करने के बयान पर उन्होंने साफ कहा था कि सोनिया गांधी की तरह उनका दिल बड़ा नहीं है।
इंदिरा जयसिंह पर भड़कीं निर्भया की मां
इंदिरा जयसिंह के बयान पर कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, 'वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जिस तरह से मुझसे सवाल किया… यह मानवाधिकारों के नाम पर समाज को धोखा देना है। बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों का मजाक बनाना है। यह मानवाधिकार के नाम पर बिजनस चलाते हैं और सिर्फ मुजरिमों को सपॉर्ट करते हैं।'
कंगना ने फांसी की मांग की थी
फिल्म प्रीमियर के मौके पर कंगना ने कहा था,'जो रेप करता है वह माइनर है ही नहीं। ऐसे लोगों को चौराहे पर मारना चाहिए उनको वहां पर हैंग करना चाहिए, उनको पता होना चाहिए कि रेप क्या होता है और इसकी सजा क्या होती है। इतने सालों से उनकी मां और उनके पिता जी कष्ट झेल रहे हैं पूरी फैमिली की क्या हालत होगी।' कंगना के इसी बयान के लिए निर्भया की मां ने उनका शुक्रिया अदा किया है।
वकील इंदिरा जयसिंह को खूब सुनाया था कंगना ने
कंगना ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह पर भी अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने निर्भया के दोषियों को माफी की सजा नहीं देने के लिए अपील की थी। इस पर कंगना ने कहा, 'उस लेडी को (इंदिरा जयसिंह) उन लड़कों के साथ 4 दिन जेल में रखो। उनको रखना चाहिए, उसको जरूरत है। ऐसी-ऐसी औरतें होती हैं जिनको ऐसे-ऐसे दया आती है। ऐसी ही औरतों की कोख से निकलते हैं ऐसे दरिंदे… ऐसे खूनी, वहशी दरिंदे… वो भी किसी के कोख से ही निकले हैं। ऐसी ही औरतों को दया आती है ऐसे खूनी… दरिंदो पर… दया आती है उन्हें।'