November 23, 2024

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत मैदान में 592 उम्मीदवार: दिल्ली विधानसभा चुनाव

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नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी उफान पर है। मंगलवार को नामांकन भरने के आखिरी दिन अरविंद केजरीवाल समेत करीब 200 उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल किया। इस तरह अब 8 फरवरी को 70 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनावों में सीएम अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीजेपी के विजेंदर गुप्ता और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली समेत 592 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

मध्य दिल्ली के जामनगर हाउस में नई दिल्ली के निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में उम्मीदवारों की भारी भीड़ के चलते केजरीवाल को अपनी बारी के लिए छह घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ा। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय की तरफ से साझा की गई जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात 9 बजे तक 55 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 592 नामांकन मिल चुके थे।

नामांकन के आखिरी दिन गहमा-गहमी
राष्ट्रीय राजधानी के नामांकन दफ्तरों में मंगलवार को खूब गहमा-गहमी रही, जहां बड़ी संख्या में उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ आखिरी दिन पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे। कई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान मंगलवार सुबह किया गया। मंगलवार को तड़के बीजेपी ने 10 सीटों को लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया, जबकि कांग्रेस ने सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पांच सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की।

जामनगर हाउस में नई दिल्ली सीट के लिए नामांकन भरने के लिए 66 लोग कतार में थे। केजरीवाल कतार में 45वें स्थान पर थे और उन्हें घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। केजरीवाल ने कहा, 'अपना नामांकन भरने का इंतजार कर रहा हूं। मेरा टोकन नंबर 45 है। यहां बहुत से लोग नामांकन भरने आए हैं। मैं खुश हूं कि लोकतंत्र में इतने सारे लोग भाग ले रहे हैं।'

केजरीवाल के नामांकन पर रार
आम आदमी पार्टी नेताओं ने दावा किया कि अधूरे कागजात के साथ आए 35 उम्मीदवारों ने कहा कि जब तक वह नामांकन नहीं भर लेते तब तक मुख्यमंत्री को नामांकन नहीं भरने देंगे। पार्टी नेताओं को इसमें साजिश दिखी। दिल्ली सीईओ कार्यालय ने शाम को बयान जारी कर कहा, ‘मंगलवार को नामांकन के आखिरी दिन उम्मीदवारों की भारी भीड़ थी। शाम तीन बजे की अंतिम समय सीमा तक नई दिल्ली क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष 66 उम्मीदवार मौजूद थे। भारी भीड़ के कारण नामांकन प्रक्रिया में तीन बजे के बाद तक का समय लगा।'

बीजेपी को यह उम्मीद
चुनावी समर में बीजेपी विधानसभा चुनावों में भी 2019 के लोकसभा चुनावों वाली अपनी सफलता दोहराना चाहती है, जब उसने सातों लोकसभा सीट बड़े अंतर से जीती थीं। बीजेपी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उसने अपने अनुभवी उम्मीदवारों पर दांव लगाने के साथ ही केंद्र के नेतृत्व वाली पार्टी की सरकार के काम पर मतदाताओं से वोट मांगने का फैसला किया है। पार्टी के 67 उम्मीदवारों में से 30 से ज्यादा पूर्व में विधायक रह चुके हैं या चुनाव लड़ चुके हैं।

बीजेपी ने सहयोगी जेडीयू और राम विलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी को भी हिस्सेदारी दी है। उसकी पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने हालांकि सीएए के मुद्दे पर मतभेद के कारण चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

‘अच्छे कामों’ के भरोसे कांग्रेस
दूसरी तरफ 2015 के विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस को इस बार किस्मत के साथ देने की उम्मीद है और वह शीला दीक्षित सरकार के ‘अच्छे कामों’ के भरोसे चुनाव में उतर रही है। कांग्रेस ने दिल्ली में चार सीटें सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के लिए छोड़ी हैं जो पूर्वांचलियों की खासी संख्या वाली-बुराड़ी, किराड़ी, उत्तम नगर और पालम- सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि पार्टी को आठ फरवरी को होने वाले चुनावों में केजरीवाल सरकार को हटाने का पूरा भरोसा है। बता दें कि दिल्ली में 8 फरवरी को वोटिंग होगी और 11 को नतीजे आएंगे।

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