महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान के साथ धोख़ाधड़ी ! कलेक्टर ने दिए जांच का आदेश
भोपाल
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष (Women Congress state president ) मांडवी चौहान (Mandvi Chauhan) के साथ धोखाधड़ी ( fraud) का मामला सामने आया है.खुद मांडवी चौहान ने भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े से इसकी शिकायत की है.कलेक्टर(COLLECTOR) ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच (Inquiry) का आदेश दिया है.
मांडवी चौहान ने कलेक्टर से लिखित शिकायत की है. इसमें लिखा है कि नए शहर में स्थित गौरी हाउसिंग सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंह ने 1989 में प्लॉट के लिए पैसे जमा कराए थे.लेकिन प्लॉट अब तक नहीं मिला.कलेक्टर ने मामले की जांच उपायुक्त सहकारिता विनोद सिंह को सौंपी है.मांडवी चौहान का आरोप है कि प्लॉट के लिए 25 हजार रुपए जमा किए थे. लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंह ने वरीयता सूची का पालन नहीं किया.
हालांकि, गौरी हाउसिंग सोसायटी ने मांडवी चौहान के आरोपों को गलत बताया है.प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चल रहा है.इसी अभियान के तहत भोपाल कलेक्टर ने सोसायटी से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए अफसरों की विशेष टीम बनाई है.ऐसी तमाम शिकायत की जांच यही टीम कर रही है.
कलेक्टर की जनसुनवाई में चूनाभट्टी में रहने वाले अजय सक्सेना ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.कलेक्टर तरुण पिथोड़े से शिकायत करते हुए अजय सक्सेना ने बताया कि सोसायटी में एक लाख 31 हजार रुपए जमा करने के बाद भी अभी तक प्लॉट नहीं मिला.आरोप है कि शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार रोहित चौहान और रोहित चौहान की पत्नी को उनका प्लॉट आवंटित कर दिया गया.जबकि वह 2000 में ही विकास शुल्क समेत प्लॉट की पूरी राशि जमा कर चुके हैं. सक्सेना ने शिकायत में बताया कि कोर्ट ने प्लॉट देने के आदेश दिए थे, लेकिन सहकारिता विभाग के अफसरों की मिली भगत की वजह से अब तक प्लॉट आवंटित नहीं हो सका.पिछले 9 साल से वह लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है.
प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी की 144 शिकायतजनसुनवाई में कलेक्टर को प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी की 144 शिकायतें मिली हैं.सभी शिकायतों में जांच के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं.एक शिकायत सर्वोदय हाउसिंग सोसायटी के खिलाफ हुई है.सोसायटी में किशोरी लाल कोटिया ने 2001 में एक हजार वर्गफीट के प्लॉट की रजिस्ट्री कराई थी, लेकिन प्लॉट पर कब्जा अब तक नहीं दिया गया.किशोरी लाल कोटिया पिछले दस साल से इंसाफ के इंतज़ार में हैं.